जमशेदपुर | झारखण्ड
मुख्यमंत्री के जमशेदपुर आगमन के समय मेरे सक्रिय सहयोगी और भारतीय जनतंत्र युवा मोर्चा के जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष, श्री अमित शर्मा को अपमानजनक तरीके से दिन भर बिरसानगर थाना में हिरासत में रखने के औचित्य के संबंध में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक श्री सरयू राय ने गृह विभाग, झारखण्ड सरकार के अपर मुख्य सचिव को लिखा पत्र।
जिसमें लिखा गया –
महाशय,
उपर्युक्त विषय के संबंध में निम्नांकित बिन्दु आपके समक्ष रखना चाहता हूँ और मामले की जाँच कराने का अनुरोध करता हूँ:-
1. जमशेदपुर के बर्मामाइंस थाना के प्रभारी् को अमित शर्मा ने 4 दिसंबर 2023 को बताया कि थाना क्षेत्रों अवैध स्क्रैप के कई टाल चल रहे हैं और भारत पेट्रोलियम के डिपो से बाहर निकलने वाले कंटेनरों से तेल चुराने (तेल कटिंग करने) का काफ़ी दिनों से चल रहा व्यवस्थित कार्य काफ़ी व्यापक हो गया है। भाजपा के एक स्थानीय नेता, आजसू के एक स्थानीय नेता और आपराधिक मामले मे सजा प्राप्त एक स्थानीय व्यक्ति एवं उसके संबंधियों का नाम भी अमित शर्मा ने इस कारगुज़ारी के संचालन के संबंध मे थाना प्रभारी को बताया, पर थाना प्रभारी ने इस शिकायत को अनसुना कर दिया।
2. बर्मा माईंस क्षेत्र में उपर्युक्त ग़ैरक़ानूनी गतिविधियों के बारे में मैंने अन्य लोगों से भी जानकारी एकत्र किया और थाना प्रभारी से इस बारे में बात किया, परन्तु उन्होंने ऐसा कुछ भी होने से साफ़ इंकार कर दिया।
3. इसके बाद मैंने जिन स्थानों पर ये अवैध गतिविधियाँ चल रही हैं, उनका विस्तृत विवरण देते हुए एक वक्तव्य के माध्यम से इनपर रोक लगाने के लिए पुलिस प्रशासन से माँग किया और कहा कि यदि 24 घंटा में ये सब अवैध काम नही रूकेंगे तो मैं यह मामला माननीय मुख्यमंत्री के समक्ष रखूंगा।
4. 05 दिसंबर के अख़बारों में मेरी यह खबर छपी और देर शाम में बिरसानगर थाना ने श्री अमित शर्मा को थाना पर बुलाया और पूछा कि क्या आप सब कल मुख्यमंत्री जी के सामने विरोध प्रदर्शन करने एवं उन्हें काला झंडा दिखाने वाले हैं। अमित शर्मा ने इससे इंकार किया और कहा कि आपकी यह सूचना ग़लत है। फिर थाना प्रभारी ने उन्हें छोड़ दिया।
5. अगले दिन फिर बिरसानगर थाना प्रभारी ने अमित शर्मा को पुनः थाना पर बुलाया और हिरासत में ले लिया। जानकारी मिलने पर 06 दिसंबर को शाम 4 बजे मैंने पूर्वी सिंहभूम ज़िला के वरीय पुलिस अधीक्षक से दूरभाष पर अमित शर्मा को हिरासत में लेने का कारण पूछा तो उन्हांेने कहा कि ऐसी सूचना मिली है कि अमित शर्मा मुख्यमंत्री के सामने विरोध करेंगे, इसलिए जब तक मुख्यमंत्री जी का कार्यक्रम नहीं हो जाता, तबतक के लिए उन्हें थाना मंे रोक लिया गया है।
6. मैंने वरीय पुलिस अधीक्षक से कहा कि यदि जमशेदपुर में पुलिस का सूचना तंत्र ऐसा ही है तब तो क़ानून-व्यवस्था का भगवान ही मालिक है।
7. मुझे प्रतीत होता है कि मेरे वक्तव्य के उपरांत मुझसे जानकारी नहीं लेकर और तथ्य की छानबीन किए बिना श्री अमित शर्मा को दिन भर हिरासत में रखना न केवल निजता के अधिकार का हनन है, बल्कि ग़ैरक़ानूनी गतिविधियों को प्रोत्साहन करने वाला भी है। यह अकारण नहीं है। इसके पीछे साज़िश है। ग़ैरक़ानूनी गतिविधियों के विरूद्ध आवाज़ उठाने वाले को हतोत्साहित करना।
8. यह जानना आवश्यक है पुलिस के किस सूचक ने ऐसी सरासर ग़लत जानकारी दी, क्यों दी, इसके पीछे उसकी क्या मंशा है, क्या प्रयोजन है ?
अनुरोध है कि उपर्युक्त बिन्दुओं के आलोक में पूर्वी सिंहभूम पुलिस को एक स्वभारित प्रतिवेदन देने और ग़लत सूचना देकर एक युवा नागरिक को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की घटना की जाँच करने का निर्देश देना चाहेंगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो और पुलिस के अधिकृत/अनधिकृत सूचक भ्रामक सूचना देने के पहले सौ बार सोचे।