माता पिता का अपमान करने से लगता है पितृ दोष। जानें उनके कोप से बचने के सरल उपाय। पितृ पक्ष स्पेशल।
पितृ पक्ष विशेष: पितृ पक्ष क्यों मनाया जाता है? क्यों होता है पितृ दोष, जानें इसका निवारण, और लाभ।
पितृ पक्ष: पितरों को श्रद्धांजलि देने का पावन समय
पितृ पक्ष हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो आश्विन मास (सितंबर-अक्टूबर) में मनाया जाता है। यह 15 दिनों का पर्व है, जिसमें हिंदू धर्म मानने वाले अपने पूर्वजों यानी पितरों का श्राद्ध करते हैं। श्राद्ध करने का उद्देश्य पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए होता है।
पितृ दोष क्या है?
पितृ दोष तब होता है जब किसी व्यक्ति के पूर्वजों का आशीर्वाद उस व्यक्ति को प्राप्त नहीं होता है। यह कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि:
- पितरों का श्राद्ध न करना
- पितरों का अपमान करना
- पितरों के प्रति अनादर का भाव रखना
- पितरों का ऋण न चुकाना
पितृ दोष के कारण
- श्राद्ध न करना: पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। श्राद्ध न करने से पितरों की आत्मा को शांति नहीं मिलती और वह अपने वंशजों को परेशान कर सकती है।
- पितरों का अपमान: पितरों का अपमान करना एक बहुत बड़ा पाप माना जाता है। इससे पितृ दोष लग सकता है और व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- पितरों के प्रति अनादर का भाव: पितरों के प्रति अनादर का भाव रखने से भी पितृ दोष लग सकता है।
- पितरों का ऋण न चुकाना: अगर किसी व्यक्ति पर अपने पितरों का कोई ऋण है, तो उसे उसे चुकाना चाहिए। ऋण न चुकाने से भी पितृ दोष लग सकता है।
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पितृ दोष के निवारण
पितृ दोष के निवारण के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं, जैसे कि:
- श्राद्ध करना: पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध करना पितृ दोष निवारण का सबसे अच्छा उपाय है।
- पितरों का तर्पण करना: तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
- पितरों के नाम से दान करना: दान करने से भी पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
- पितरों के लिए मंत्रों का जाप करना: पितरों के लिए मंत्रों का जाप करने से भी पितृ दोष दूर होता है।
- पितरों की याद में दीपक जलाना: दीपक जलाने से पितरों को प्रकाश मिलता है और उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
पितृ दोष निवारण के लिए मंत्र
- गायत्री मंत्र: ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
- मृत्युंजय मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्युमृत्युन्मुच्यमामृतात्।
- शांति मंत्र: ॐ शांति शांति शांति।
पितृ पक्ष का उद्देश्य
पितृ पक्ष का मुख्य उद्देश्य अपने पूर्वजों यानी पितरों का श्राद्ध करना और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करना है। पितृ पक्ष में श्राद्ध करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
पितृ पक्ष के लाभ
- पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- पितृ दोष दूर होता है।
- मानसिक शांति मिलती है।
- आध्यात्मिक उन्नति होती है।
नोट: पितृ पक्ष में श्राद्ध करने के लिए किसी पंडित का मार्गदर्शन लेना चाहिए।
अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान को करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना उचित होगा।
विशेष : यह लेख केवल जानकारी साझा करने के लिए है, इसकी वास्तविकता एवं अधिक जानने के लिए इससे संबंधित किसी धार्मिक गुरु / व्यक्ति से सम्पर्क किया जा सकता है।