मनव्वर राना के निधन पर “उर्दू भवन,जमशेदपुर” ने शोक सभा आयोजित की.

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जमशेदपुर ।  झारखण्ड 

“उर्दू भवन” जमशेदपुर की एक साहित्यिक संस्था है, जिसके तत्वावधान में प्रसिद्ध उर्दू शायर मनव्वर राना के निधन पर विगत संध्या जवाहर नगर स्थित सैयद साजिद परवेज के आवास पर शोक सभा आयोजित की गयी, जिसकी अध्यक्षता प्रो. अहमद ने की और करीम सिटी कॉलेज के अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. सैयद मोहम्मद याहिया इब्राहीम मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए.  संगठन के अध्यक्ष डॉ. हसन इमाम मल्लिक (एसोसिएट संयुक्त सचिव, हैंडबॉल एसोसिएशन, भारत) ने मुख्य अतिथि और सभी उपस्थित सज्जनों का स्वागत किया. “उर्दू भवन” के जेनरल सेक्रेट्री प्रो गौहर अजीज ने बैठक का संचालन करते हुए सभा को मनव्वर राना की जीवनी और उनकी साहित्यिक उपलब्धियों से सभा को अवगत कराया और अपने प्रिय शायर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया.

हाफिज मोहम्मद वलीउल्लाह ने तिलावत की और सफीउल्लाह सफी ने नात शरीफ पढ़ी.

शायर अनवर अदीब और रिजवान औरंगाबादी ने अपने विचार व्यक्त किए। उनके बाद मुख्य अतिथि डॉ. इब्राहीम और प्राचार्य डॉ. मोहम्मद रेयाज ने मनव्वर राना के व्यक्तित्व और साहित्य में महत्व पर प्रकाश डाला. प्राचार्य ने कहा कि मनव्वर राना एक मुजाहिद और बेबाक शायर थे.

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महत्वपूर्ण बात यह है कि बैठक में टाटा अर्बन सर्विसेज के प्रमुख श्री जीरेन टोपनो ने मोबाइल फोन के माध्यम से अपने विचार रखे और अपने पसंदीदा शायर को श्रद्धांजलि दी.

अंत में सभा के अध्यक्ष प्रो अहमद बद्र ने मनव्वर राना की शायरी तथा साहित्यिक सेवाओं पर विस्तृत चर्चा की.  उन्होंने कहा कि वह एक महान शायर के साथ-साथ एई महान साहित्यकार भी थे.  उन्होंने मनव्वर राना की “बगैर नक्शे का मकान” और “चेहरे याद रहते हैं” जैसी पुस्तकों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी गद्य रचनाएँ उनकी कविता से अधिक महत्वपूर्ण हैं.

इस बैठक में शाहीन एकेडमी के निदेशक मुहम्मद असदुल्लाह, सद्दाम गनी, सफीउल्लाह सफी, सैयद जाहिद परवेज आदि की उपस्थिति विशेष रही.  लायक मुजफ्फर पुरी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम की सराहनीय व्यवस्था के लिए सैयद साजिद परवेज को बधाई दी गयी.

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