जमशेदपुर | झारखण्ड
एस के मोहंती नामक लड़का कंपाउंडर है और पैथोलॉजी टेक्नीशियन का छोटा – मोटा ट्रेनिंग लिया है। जमशेदपुर के भुईयाडीह में डॉक्टर बनकर प्रैक्टिस कर रहा है। और हजारों लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहा है।
सवाल यह है की इतनी हिम्मत कहा से आता है इनको ? डॉक्टर लिख कर सीधा पेशेंट को बेवकूफ बनाते है।
यह मामला आईएमए के पास भी गया है। आईएमए सचिव ने इस सम्बन्ध में कहा है की – क्या सारे नियम क्वालिफाइड डॉक्टर्स के लिए है? पीसीपीएनडीटी के सारे सख्त नियम पालन के बाद भी आज प्रशानिक चूक की वजह से इतने सेंटर में अल्ट्रासाउंड बंद है और ये झोलाछाप बेखौफ लोगों के स्वस्थ से खेल रहे है।
आईएमए सचिव का यह भी कहना है की अभी NEET Exam में लगभग 20 लाख बच्चे एक्जाम दिए हैं, बहुत से बच्चे दूसरी और तीसरी बार इस एक्जाम में बैठे हैं। लगातार कोचिंग करके, विद्यार्थी दिनरात मेहनत करते है डॉक्टर बनने के लिए। वहीँ दूसरी तरफ झोलाछाप लोग सीधा 1500 में डिग्री खरीद कर क्लिनिक खोल के मरीज की जिंदगी से खेल रहे है। क्या ये न्यायसंगत है? सस्टेन्ड मुहीम चाहिए इसके लिए, प्रशासन से गुजारिश है ऐसे लोगों पर लगाम लगाई जाये।
बता दें की यह मामला केवल जमशेदपुर के भुइयांडीह का ही नहीं हैं बल्कि पुरे देश में ऐसे हजारों छोलाछाप डॉक्टर हैं जो बिना किसी वैध डिग्री के फर्जी तरीके से अपना क्लिनिक धड़ल्ले से चला कर लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इनपर लगाम लगनी चाहिए।