भारतीय चुनाव आयोग ने यह बात सिद्ध कर दी है कि महामारी हो या भुखमरी, चुनाव होगा और चुनाव का रिजल्ट भी बहुत है जल्द प्राप्त होगा।
देश की जनता भले ही बर्बादी की कगार पर पहुंच जाए लेकिन किसी भी नेता को यह फर्क नहीं पड़ता। लोग मरे या जिये उनको तो बस कुर्सी से प्रेम हैं। वे सभी मिलकर चुनाव को टाल सकते थे। परंतु इस भीषण महामारी में जान से ज्यादा कीमती आज चुनाव बन चुका है।
लेकिन क्या पूरे देश को चुनाव रद्द कर हमें कोरोना के खिलाफ एक जुट नहीं होना चाहिये था? लोग भी बड़े भोले होते हैं, गए थे अपने नेता को जिताने और घर ले आये कोरोना।
इस भीषण महामारी में क्या राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया जा सकता था?
खैर हम आम जनता को उतना राजनीतिक ज्ञान तो है नहीं, बस बक-बक करने की आदत है।
आइये 5 राज्यों में हुए चुनाव के रिजल्ट पर एक नजर डाल ही लेते हैं।
1. पश्चिम बंगाल – 294 सीटों पर हुए इस चुनाव में तृण मूल कॉंग्रेस के (TMC) भारी मतों से विजयी हुई लेकिन ममता बनर्जी नन्दी ग्राम से अपना सीट नहीं बचा पाई और वो बीजेपी प्रत्याशी शुभेन्दु अधिकारी से कुल 1957 वोट से हार गई। रात 10 बजे के करीब TMC की सदस्यीय टीम ने नंदी ग्राम में दुबारा कॉउंटिंग के लिए चुनाव आयोग से कहा। जिस कारण नंदी ग्राम सीट की दुबारा से कॉउंटिंग की जा सकती है लेकिन परिणाम नहीं बदलेगा और दीदी हाई कोर्ट जाने का फैसला ले सकती है। मतलब खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे।
TMC ने रिकार्ड कुल 213 सीटें जीती। जिससे यह पता चलता है कि पश्चिम बंगाल की जनता की पहली पसंद दीदी है
वहीं BJP ने पश्चिम बंगाल में अच्छी सेंध लगाई है। पिछले बार की अपेक्षा इस बार 77 अच्छे अंक लाकर अपनी नींव को मजबूती प्रदान की है और विधानसभा में मजबूत विपक्ष बनकर आया है जो अच्छे से सरकार के काम को देखेगा।
कॉंग्रेस अभी फिलहाल पश्चिम बंगाल में कोरोना की वजह से ICU में है जिसे राहुल बाबा पंखे की हवा देकर आइसोलेट कर रहें हैं। CPI अपनी अंतिम सांसे गिन रहा हैं।
2. तमिलनाडु – 234 सीटों पर हुए इस चुनाव में कुछ खास देखने को नहीं मिला। DMK-133, AIADMK – 66, काँग्रेस – 18 और BJP – 4 सीटों के साथ तमिलनाडु में खेला बंद हुआ।
3. केरला चुनाव -140 कुर्सियों पर बैठने के लिए हुई। CPI(M) सबसे बड़ी पार्टी बनकर आई है जिसने कुल 62 कुर्सियों पर कब्जा जमा लिया है। वहीं कुर्सियों के इस जंग में कॉंग्रेस ने कमाल कर दिया। उसने कुल 21 कुर्सियां अपने नाम कर ली। कॉंग्रेस के इस किला में सेंध लगाना बहुत मुश्किल है। हालांकि बीजेपी ने बहुत कोशिश की और उस कोशिश के परिणाम स्वरूप उसे कुल 0 कुर्सियां ही हाथ लगी।
4. पुडुचेरी में कुल 30 सीटों के लिए चुनाव हुए। AINRC ने 10 और BJP ने 6 सीट पर बाजी अपने नाम कर लिया। वहीं DMK ने भी 6 सीट को कस के पकड़े रखा और उसे कब्जा कर लिया। कॉंग्रेस ने इस रेस में थोड़ी पीछे रह गई, फिर भी हिम्मत नहीं हारी और 2 सीट पर कब्जा जमा लिया।
5. असम-126 सीटों वाले इस क्षेत्र में कमाल हो गया। यहां तो कुर्सियां ही बदल गई। BJP ने 60 सीट लाकर तख्ता ही पलट दिया। हालांकि किसी समय सबसे ताकतवर पार्टी रही कॉंग्रेस की तागत आज भी असम में देखने को मिलती है। उसने कुल 29 सीटों पर अपनी जीत पक्की कर ली है।
तो ये रहा राजनीतिक और चुनाव के हलचल की बात। अब देखना ये है कि मुख्यमंत्री और विधायक मिलकर कैसे कोरोना से लड़ते हैं और जीती हुई अपनी-अपनी सीटों पर सुरक्षित बैठते हैं।
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