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क्राइम

भारत में आतंकवाद अब अपनी पैर जमा चुका है। देश में हो रही फंडिंग और पाकिस्तानी कनेक्शन के सबूत गृह मंत्रालय में हैं मौजूद।

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THE NEWS FRAME

Crime Dairy : मंगलवार 05 जुलाई, 2022

पहले विदेशों से ये खबरें आती थी कि फलां मुल्क में आतंकवादियों ने गला रेत कर गैर मुस्लिमों का कत्ल कर दिया लेकिन अब अपने ही देश में गला काटकर हत्या करने का सिलसिला चल रहा है।

क्या यह आने वाले विपत्ति का संकेत मान लिया जाये। आश्चर्य तब और होता है जब इन जैसे लोगों का समर्थन भी कुछ बुद्धिजीवी करने लगते हैं। कुछ कहते हैं आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और सही भी यही है, लेकिन उनका क्या जो इस तरह की हरकतों का समर्थन कर रहे हैं। और कोई विरोध तक नहीं। ईश निंदा करना हर तरह से गलत है। कोई पत्थर पूजे या पहाड़ या पूजे सूरज-चांद हमें किसी की आस्था पर चोट नहीं करना चाहिए। 

लेकिन कोई ईश्वर का नाम लेकर या ईश्वर के लिए बेरहमी से किसी का कत्ल कर देना ये ईश्वर को भी पसंद नहीं होगा। 

खैर बात करते हैं नूपुर शर्मा के सपोर्ट में किया गया पोस्ट किसी की जान ले लेगा ये शायद पोस्ट करने वाले ने भी नहीं सोचा होगा। वहीं लगातार बेरहमी से कत्ल किये जा रहे हैं।

बता दें कि यूपी के अयोध्या में एक शख्स की गला रेतकर हत्या कर दी गई। 

मेरठ में भी 21 वर्षीय यश रस्तोगी के पूरे शरीर को बेरहमी से काट दिया गया। हालांकि पुलिस ने तीनों जिहादियों इमरान, शावेज़ खान अली और सलमान खान को गिरफ़्तार कर लिया। 

अमरावती के उमेश कोल्हे हत्याकांड के विदेशी कनेक्शन हो सकते हैं। इस घटना के मास्टर माइंड और मुख्य आरोपी इरफान शेख को 7 जुलाई तक  के लिए NIA रिमांड पर रखेगी। 

इन खबरों से आहत लोग सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। लोगों का कहना है कि

गाड़ी सलमान खान चला रहा था ये जानने को जज साहब को 20 साल लग गए पर कन्हैया लाल जी की हत्या का कारण नूपुर शर्मा हैं ये माननीय SC को 2 दिन में ही पता चल गया।

— Vशुद्धि (@V_Shuddhi) July 2, 2022

आमिर खान जी , पहले आपको भारत में डर लगता था !!

अब हम हिंदुओं को ही हमारे हिंदुस्तान में डर लगने लगा है !!

आपके लिए तो 56 देश थे , पर अब हम कहां जाएं ??

— Ambuj (@Ambuj_IND) July 2, 2022

आपको जानकर हैरानी होगी कि इनकी फंडिंग देश के कई राज्यों में हो रही है। 

यूपी के पीलीभीत में गुल्लक के जरिए फंडिंग की जानकारी सामने आई है। दावत-ए-इस्लामी संगठन पर चंदा जुटाने का आरोप लगा है। 

पीलीभीत की दुकानों पर गुल्लक के जरिए फंड कलेक्शन किया जाता है। दावत-ए-इस्लामी पीलीभीत में पिछले कई सालों से सक्रिय है। जानकारी के अनुसार लगभग 250 से अधिक दुकानों पर दावत-ए-इस्लामी के द्वारा गुल्लक रखा गया है और इसके जरिए चंदा जमा किया जा रहा है। दावत-ए-इस्लामी को दान देने की अपील मुल्लाओं द्वारा की गई है जहां हर दुकानदार को गुल्लक रखना आवश्यक है।

दावत-ए-इस्लामी का संचालन पाकिस्तान से है।

ऐसा दावा किया जा रहा है कि दावत-ए-इस्लामी का संचालन पाकिस्तान से है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले 22 वर्षों से दावत-ए-इस्लामी भारत में सक्रिय रहकर माहौल बिगाड़ने में लगी है, इसमें 5 अन्य कट्टरपंथी संगठन सक्रिय होकर इसे समर्थन भी दे रहे हैं। ये सभी संगठन सोशल मीडिया के जरिए देश का माहौल बिगाड़ने में लगे हैं। इन सभी बातों  का खुलासा गृह मंत्रालय को भेजी गई जांच एजेंसियों की रिपोर्ट में किया गया है। 

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