जमशेदपुर । झारखंड
शौक की कोई उम्र नहीं होती है। जमशेदपुर परसुडीह निवासी अजय कुमार सेठ जिनकी उम्र 57 साल है वे भारतीय वायु सेना से वर्ष 1996 में सेवा निवृत्त हो कर भारतीय और दुसरे देशों के सिक्कों का अनूठा संग्रह किया है। बता दें कि कभी भारतवर्ष में चलने वाली मुद्रा जिनमें कौड़ी, दमड़ी, धेला, आना आदि शामिल है, का महत्वपूर्ण कलेक्शन है।
वर्तमान समय में मुद्रा की भैतिक स्थिति पूर्णतः बदल गई है। आज के युवा और बच्चे इन सब से अनजान है। 50 – 60 वर्ष के लोग ही इसे जानते होंगे। अनुमानतः 50 से नीचे आयु के लोग तो बस सिर्फ नाम ही सुने होंगे। वहीं वर्तमान समय के बच्चे तो केवल रुपया पैसा और डॉलर जानते हैं।
बता दे कि अपने पुरखो से मिली विरासत में आज अजय कुमार सेठ जी के पास आरम्भिक समय की मुद्राओं का बहुत ही अच्छा संग्रह है। उन्होंने इसे काफी सम्भाल कर रखा है। देश के साथ ही कई अन्य देशों के पुराने सिक्कों का संग्रह भी इनके पास देखा जा सकता है।
बता दें कि अजय कुमार सेठ जी श्रीलंका देश से लिट्टे के विरुद्ध भारतीय वायुसेना में रह कर जंग जीते थे और फलस्वरूप इन्हें सम्मानित किया करते हुए मेडल दिया गया था।
अजय कुमार सेठ जी के द्वारा एक किलब भी लिखा गया है जिसका नाम है “Beterial”, जिसे साहित्य सम्मान 2022 से नवाज़ा गया।
अपने मुद्राओं के संग्रहण के बारे में अजय सेठ का कहना है कि इस तरह का अनूठा संग्रह बहुत ही कम लोगों के पास है। मैं समाज के वरीय राजनेता, पदाधिकारीगण और समाजसेवियों से निवेदन करता हूँ कि इस संग्रह को एक अच्छी जगह चुनकर लोगो को दिखाया जाये और अपने इतिहास का दर्शन करवाया जाए। जिससे लोग अपनी प्राचीन विरासत को जाने और समझने का प्रयास करें कि भारत कभी धनवानों की धरती थी। यहां का रहन सहन विश्व से बिल्कुल अलग और समृद्ध था। जिसकी झलक हमें हमारे प्राचीन मुद्राओं में देखने को मिलेगी।
वीडियो देखें :