Jamshedpur : रविवार 14 जनवरी, 2022
भाजमो जमशेदपुर महानगर के तत्वावधान में 14 अगस्त अखंड भारत दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के महत्व पर परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजमो जिलाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव ने की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जमशेदपुर पूर्व के विधायक सरयू राय उपस्थित हुए। श्री राय ने अखंड भारत दिवस की विशेषता पर चर्चा करते हुए कहा की 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी मिली थी। आज 14 अगस्त को अखंड भारत दिवस के रूप में मनाते है लेकिन वैसे भी लोग है जो मानते है की 15 अगस्त को आजादी मिली थी लेकिन भारत विभाजित हो गया है और खंडित हो गया और वे यह चाहते है की माँ भारती की खंडित प्रतिमा के साथ हमारा देश नहीं रहे। आज हमारे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। देश के प्रधानमंत्री लोगों से आवाह्न कर रहे है की घर में तिरंगा लगाइए। 14 अगस्त को भारत के विभाजन की विभीषिका के रूप में मनाएंगे। भारत को जब आजादी मिली तब भारत हिंसा के कई आयामों से गुजरा। नरसंहार हुआ, दंगे हुए और लाखों लोगों को अपनी जान की कुर्बानी देनी पड़ी। वर्ष 1905 को देश के भीतर बंगाल का विभाजन हुआ और बंगाल दो भाग में बंट गया। पूर्वी बंगाल पाकिस्तान में चल गया।
देश में एक प्रतीक की आव्यशक्ता हुई और तिरंगे के स्वरूप पर चर्चा होने लगी। गांधी जी ने जब बागडोर संभाली तब स्वराज आंदोलन से जुड़े लोगो ने कहा की तिरंगे में तीन रंग तो रहे लेकिन अंगेजी झंडे के युनियन जैक को भी तिरंगे के कोने में डाल दे। तब गांधी जी ने आवाह्न किया की झंडा 3 रंग का रहे लेकिन बीच में चर्खा लगा दिया जाए। अंत में यह तय हुआ की चर्खा की जगह बीच में चक्र डाल दिया जाए। चक्र में 24 तीलियां रहे। तिरंगे के तीनों रंग की अपनी अलग विशेषता है:
जो केशरिया रंग है वह साहस, शौर्य और विरता का प्रतीक है। सफेद रंग सादगी का प्रतीक है और हरा रंग, हरा भरा देश एवं पर्यावरण का प्रतिक है। तिरंगे कि लंबाई चौड़ाई का अनुपात तय हुआ। लंबाई 3 और चौड़ाई 2 रहनी चाहिए। तिरंगे के बीच बन चक्र में 24 तिलियाँ रहेंगी।
श्री राय ने कहा की भारत देश 75 वर्ष का हो गया है। आजादी के 75 वर्षों में तिरंगे का स्वरूप तो कायम रहा लेकिन 75 साल में देश को जीतना आगे बढ़ना चाहिए उतना बढा नहीं।
कौन सी एसी परिस्तीथी है जो देश को आगे बढ़ने में रोक रही है। जो भी सरकार हो वह समाज से शक्ती ले, धान ले, टैक्स ले लेकिन सबका कल्याण हो और किसी पर भार ना पड़े यह निश्चित करे।
आज यह और भी अधिक प्रासंगिक हो जाता है समझना की भारत ने विभाजन के समय एक बड़ी विभीषिका झेली, दंगा हुआ, गाड़ियों में भर-भर कर लाशे आती थी। लाखों-लाख लोग विभाजन के बाद भारत आए और रिफ्यूजी बने। भारत में फिर ऐसी प्रवति सामने आ रही है, जो वर्तमान समय में चाहती है की फिर एक बार भारत का विभाजन हो जाए। जो मुस्लिम आजादी के बाद में भारत मे रह गए। उन्होनें माना भारत हमारा देश हे। लेकिन भारत की पुरानी संस्कृति रही है उस संस्कृति के अनुरूप चलने का जो कार्य होना चाहिए था वह नहीं हुआ। तुष्टीकरण की राजनीति हुई। देश में मुस्लिम समुदाय के लिए अलग नियम बने अलग कानून बने। अल्पसंख्यक मंत्रालय, विभाग बने। सभी समुदाय को समझना होगी की भारत एक देश है जिसमे अलग-अलग वेशभूषा के लोग रहते है लेकिन जब देश की बात आती है भारत एक देश और एक राष्ट्र है। आज इस बात को आगे बढ़ने के लिए कोई चर्चा नहीं हुई। 15 अगस्त 1947 का जो आज खंडित भारत है उसे भी अखंडित रखना एक चुनौती बन गई है। कश्मीर को अगल ले जाने की बात हो रही है, पाकिस्तान परस्त लोग भारत को खंडित करने की ताक में रहते है। केंद्र की सरकार और राज्य की सरकार को यह तय करना चाहिए कौन सा भारत हम बनाएंगे। हमारा धर्म कुछ भी हो, हमारा संप्रदाय कुछ भी हो परंतु भारत एक राष्ट्र है।
आज हर घर तिरंगा फहराने का आवाह्न किया गया है। इतना प्रयाप्त नहीं है की केवल एक प्रतीक सामने रख दे की और इससे देशभक्ती आ जाए। तिरंगा लगाइए और पहराइए। अगले सुबह तिरंगे को सड़कों पर यह अन्य स्थानों पर यत्र-तत्र गिरा हुआ पाएं ऐसा नहीं हो इसके लिए लोगों तक संदेश सरकार को पहुंचाना चाहिए। इसके लिए एक जन प्रशिक्षण की आव्यशक्ता थी। तिरंगा फहराइए लेकिन संध्या को उतार लिजिए। समेट लिजिए और किसी अवसर पर फिर तिरंगे को पुनः सम्मान के साथ उपयोग किजिए।
श्री राय ने कहा की तिरंगा फहराने वाले यह सोचे की कहीं उनके हाथ भ्रष्टाचार अथवा अपराध से संधे तो नहीं हुए है। ऐसे लोग तिरंगे और देश दोनों ही के साथ विश्वासघात कर रहे है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से भाजमो के पूर्वी विधानसभा संयोजक अजय सिन्हा, जिला महामंत्री कुलविंदर सिंह पन्नु, मनोज सिंह उज्जैन, जिला उपाध्यक्ष चंद्रशेखर राव, वंदना नामता, जिला मंत्री राजेश कुमार झा, विकास गुप्ता, जिला प्रवक्ता आकाश शाह, युवा मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव चौहान, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष मंजु सिंह, अनुसूचित जनजाती मोर्चा अध्यक्ष प्रकाश कोया, अनुसूचित जाति मोर्चा जिलाध्यक्ष राजेश प्रसाद, भागवत मुखर्जी काकोली मुखर्जी, प्रेम सक्सेना, विनोद यादव, महेश तिवारी, राघवेंद्र प्रताप सिंह, कैलाश झा, मनकेश्वर चौबे, शंकर कर्मकार, जय प्रकाश सिंह, विजय नारायण, नंदिता गगराई, रंजीता राय, पुतुल सिंह, विजय राव, मिषटु सोना सहित अन्य उपस्थित थे।
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