दोस्तों, किसी ने मुझसे पूछा – What do we call people of Jamshedpur Jamshedpur ites or Jamshedpur ians?
तो मेरे मन ने कहा – भाई हम तो ठहरे जमशेदपुरियन और जमशेदपुरियन लोगों की तो बात ही सबसे अलग है।
जमशेदपुर के लोग जमशेदपुरियन कहलवाना ज्यादा पसंद करते हैं। थोड़ा ट्रेडिशनल और रौबदार भी लगता है। हम जमशेदपुरियन लोगों की बात ही निराली है। क्योंकि हम सुनते किसकी हैं। गली-गली में मजेदार गोलगप्पे का ठेला मिल जाएगा। मसालों का स्वाद और इमली का खट्टा पानी झाल, खा कर मजा ही आ जाता है। ऊपर से दही पापड़ी लाजवाब। मुँह में पानी आ गया हो तो आगे बढ़ते हैं। गरमा गरम समोसे, चाट और जलेबी यहां की फेमस स्ट्रीट फूड है।
काम के मामले में तो हमलोग एकदम से पक्के हैं थोड़े आलसी हैं वो अलग बात है। क्योंकि जमशेदपुरियन जो ठहरे। वैसे पढ़ाई के मामले में हमसे कोई टक्कर नहीं ले सकता। एक से बढ़कर एक स्कूल और कॉलेज है यहां पर। वर्ल्ड फेमस XLRI भी यहीं पर है। जिस वजह से यहाँ हमलोग पढ़ाई बहुत करते हैं।
वैसे कभी थोड़े बहुत मूडी भी हो जाते हैं हमलोग। लेकिन दिल के बहुत अच्छे हैं। क्योंकि हम सभी धर्मों का समान आदर करते हैं। वहीं मिलजुलकर ईद और दिवाली मनाते है। क्योंकि हम ठहरे जमशेदपुरियन।
जमशेदपुर के बारे में आपको गूगल या विकिपीडिया पर बहुत सी जानकारी मिल जाएगी। फिर भी एकदम शार्ट में इसके बारे में बताते हैं।
जमशेदपुर, झारखंड राज्य के पूर्वी सिंहभूम जिले में स्थित है। यह शहर दो फेमस नदियां सुवर्णरेखा और खरकई के बीच स्थित एक बड़ा शहर है। यह लगभग 625 km2 के दायरे में फैला हुआ है। इसकी सबसे खास बात आपको बताते हैं। यहां वह मिलता है जो दुनियां में कहीं नही पाया जाता। सोचिए वह क्या है? नहीं पता तो बताते है, थोड़ा सा धीरज रखिए।
जमशेदपुर शहर को दूर देशों में टाटानगर के नाम से भी जानते हैं। यानी एक शहर लेकिन दो नाम। वैसे आपको बता दें टाटानगर जमशेदपुर शहर के रेलवे स्टेशन का नाम है जिस वजह से बाहर के लोग इसे टाटानगर ही बुलाते है।
लेकिन क्या आप जानते हैं टाटानगर रेलवे स्टेशन के नाम से पहले इसका क्या नाम रखा गया था?
इस रेलवे स्टेशन का पहला नाम था – कालीमाटी। जो सुनने में थोड़ा अजीब था इसलिए बाद में इसका नाम बदलकर टाटानगर कर दिया गया। जमशेदपुर शहर की स्थापना भी बड़ी रोचक है। एक पारसी बाबा 1905 से 6 के लगभग यहां हवाई सफर पर निकले। ऊपर का नजारा और उनके ज्ञान ने इस शहर की काबिलियत को पहचान लिया। वो कहते हैं ना हीरे की परख जौहरी को ही होती है। जमशेदपुर को हीरा बना गए पारसी बाबा। उस पारसी बाबा का पूरा नाम जमशेदजी नशेरवान जी टाटा था। 1907 में इस काली भूमि पर TISCO कंपनी की स्थापना की। उस समय यह ग्रामीण आदिवासियों का इलाका हुआ करता था। आज का फेमस साकची बाजार कभी आदिवासी गाँव हुआ करता था। आदिवासी परंपरा, सांस्कृतिक कार्यक्रम यहां की धरोहर थी।
वैसे इस क्षेत्र में खनिज संपदा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। जिसका पूरा लाभ TISCO ने उठाया।
जमशेदपुर की खास बातें आपको बताता हूँ –
पहली बात तो इस शहर के उत्तर में यहां के दलमा अभ्यारण्य है जहां प्राकृतिक वातावरण का भरपूर आनंद लिया जा सकता है। मगर थोड़ा सम्भल कर, क्योंकि इस जंगल में हाथी बहुत है। वही भालू, बाघ, हिरन, खरगोश, जंगली सुअर भी हैं। वैसे सबसे मजेदार बात यह है कि यहां भौंकता हुआ हिरण पाया जाता है जो दुनियां में और कहीं नहीं पाया जाता। है ना मजेदार बात। आइये अब दूसरी मजेदार बात बताते हैं।
दूसरी सबसे रोचक बात और एकलौता वर्ल्ड फेमस स्थान जहाँ सभी धर्मों के धार्मिक स्थल एक ही लाइन में एक किलोमीटर के अंदर ही हैं। जी हाँ और वह जगह है मानगो के न्यू पुरुलिया रोड में। जिनमें मानगो बाजार से क्रमशः हनुमान मंदिर, बड़ा हनुमान मंदिर, बारी मस्जिद, सी इन आई चर्च, मनकामेश्वर मंदिर, छोटा शीतला मन्दिर और संत कुटिया गुरुद्वारा है।
तीसरी सबसे बड़ी बात यह कि स्वर्णरेखा नदी में सोना पाया जाता है। इसलिए तो इसका नाम स्वर्ण-रेखा है।
चौथा यहां एशिया की दूसरी सबसे बड़ी स्टील की कम्पनी है।
यहां कई छोटे-बड़े पार्क है, जिनमें वर्ल्ड फेमस एक पार्क यहीं है जिसका नाम है – जुबली पार्क। जहां एक चिड़ियाघर भी बनाया गया है। यह चिड़ियाघर थोड़ा छोटा तो है मगर फूल इंटरटेन होता है – टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क। यहां हिरन, भालू, बाघ, चिता, बंदर, शेर, शुतुरमुर्ग, दरियाई घोड़ा, क्रोकोडाइल, मोर, चिड़ियों की असंख्य प्रजाति देखने को मिलेगी। और इस चिड़ियाघर की खास बात यह है कि यहां एक तितली घर भी है जहां ढ़ेर सारे, रंग-बिरंगी तितलियां हैं।
वहीं जमशेदपुर के पूर्व में, एक पहाड़ी की चोटी पर भुवनेश्वरी मंदिर है जहां का नजारा देखने लायक है।
यहां एक बड़ा लेक भी है- डिमना लेक। जहां सैलानी वोटिंग का पूरा आनन्द लेते हैं।
विश्व में जमशेदपुर की अपनी अलग ही पहचान है और सबसे प्रगतिशील औद्योगिक नगरों में से भी एक है। टाटा की कई कंपनियों के उत्पादन इकाई भी यहां है जिनमें टिस्को, टाटा मोटर्स, टिमकन, ट्यूब डिवीजन, टिस्कॉन, टिन्पलेट प्रमुख हैं। जहां जमशेदपुर के हर घर से एक आदमी तो जरूर काम किसी न किसी रूप से इनसे जुड़ा हुआ है।
वैसे और भी बहुत सी खूबसूरती है हमारे शहर में जिसकी तारीफ फिर कभी सुनाऊंगा।
दोस्तों अगर आप इस शहर से दूर हैं तो कभी आइये हमारे शहर में हम जमशेदपुरियन बड़े दिलदार है।
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