Connect with us

झारखंड

बेको में श्री श्री 1008 रुद्र महा यज्ञ को लेकर ध्वजारोहण एवं भव्य शोभा यात्रा, हिंदू-मुस्लिम एकता की दिखी मिसाल

Published

on

THE NEWS FRAME

बगोदर/गिरिडीह, 14 अप्रैल 2025 — बगोदर प्रखंड के बेको गाँव में श्री श्री 1008 रुद्र महा यज्ञ को लेकर सोमवार को धार्मिक उल्लास और भक्ति भाव के साथ ध्वजारोहण कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस पावन अवसर पर पंच शिव मंदिर से सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ भव्य शोभा यात्रा निकाली गई, जिसने पूरे गांव में एक धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव का माहौल बना दिया।

शोभा यात्रा पंच शिव मंदिर से प्रारंभ होकर बेको गाँव के प्रमुख मार्गों से होती हुई दुर्गा मंदिर पहुंची, जहाँ विधिवत पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद यात्रा पुनः मंदिर परिसर लौटी, जहां श्रद्धालुओं की उपस्थिति में यज्ञाचार्य की अगुवाई में जेज मान जोधो साव एवं उनकी धर्मपत्नी द्वारा विधिपूर्वक ध्वजारोहण किया गया। इस धार्मिक आयोजन में एक खास संकल्प भी लिया गया कि यज्ञ की समाप्ति तक सभी श्रद्धालु केवल शाकाहारी भोजन ग्रहण करेंगे।

THE NEWS FRAME

इस आयोजन की एक विशेष बात यह रही कि सोना पहाड़ी द्वार स्थित सैनी बाबा मंदिर में यज्ञ की अवधि तक बकरा बलि की परंपरा पर रोक लगाई गई है, हालांकि परंपरागत गच्छति पूजा नियमित रूप से जारी रहेगी।

पंच शिव मंदिर, जिसे बनाने में 13 वर्षों का लंबा समय और एक करोड़ रुपये का सहयोग लगा, बेको समाज के बुजुर्गों, पेंशनधारियों और आम जन सहयोग से तैयार हुआ है। मंदिर परिसर में निर्मित सुंदर बगीचा श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।

मंदिर के पुजारी आचार्य सुदामा पांडेय ने जानकारी दी कि आगामी 29 अप्रैल से भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी, जो पूरे 11 दिनों तक चलेगी।

THE NEWS FRAME

इस आयोजन में सबसे प्रशंसनीय बात रही साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल, जहाँ बेको पश्चिमी पंचायत की मुखिया मुनैजा खातून और समाजसेवी रज्जाक अंसारी जैसे मुस्लिम समुदाय के लोग भी शोभा यात्रा में बढ़-चढ़कर शामिल हुए।

मौके पर यज्ञ कमिटी के सचिव टेंकलाल चौधरी, मुखिया प्रतिनिधि कमोद यादव, फलजित महतो, हिरामन महतो, खेमलाल महतो, हरिशंकर महतो, संदीप साव, दौलत महतो, राम प्रसाद यादव, सुरेन्द्र यादव, उपमुखिया सुरज कुमार समेत सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और पुरुषों ने हाथों में झंडा लेकर धार्मिक यात्रा में भाग लिया।

यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक जागरूकता का प्रतीक बनकर सामने आया है।

Read More : भारत के भूगर्भीय भविष्य पर खतरा: वैज्ञानिकों ने दी गंभीर चेतावनी, दो भागों में बंट रही है भारतीय प्लेट

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *