जमशेदपुर | झारखण्ड
कृषि मंत्री श्री बादल ने कहा है कि जिस तरह से पिछले बार कृषि का बीमा करने वाली कंपनियों ने मुआवजा देने के वक्त धोखाधड़ी की थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। श्री बादल ने कहा कि इस बार नई शर्तों के साथ बीमा कंपनियां काम करेंगी। राज्य के किसानों के हित से जुड़े मामलों को लेकर झारखंड सरकार काफी संवेदनशील है और किसानों के हित में इस बार बीमा कंपनियों के साथ शर्त में कई बिंदुओं को जोड़ा गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के साथ हुई बात के अनुसार बीमा कंपनियां किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं कर सकेंगी।
श्री बादल ने राज्य में सुखाड़ की स्थिति को लेकर कहा है कि राज्य के सिर्फ 4 जिलों में सामान्य बारिश हुई है जबकि, 19 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। वहीं चतरा जिला में बिल्कुल सूखा है। श्री बादल ने बताया कि राज्य में कुल 47% आच्छादन हुआ है, जो औसत से 53 फ़ीसदी कम है यह एक चिंतनीय बात है पहले राज्य में जहां तीन और चार वर्षो के अंतराल में सुखाड़ आता था वहीं अब , पर्यावरण असंतुलन की वजह से लगातार यह दूसरा वर्ष है जिसने, किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। इसबार औसत से 38% बारिश कम हुई है।
श्री बादल ने कहा कि इस बार, जो बारिश की स्थिति है, वह अच्छी नहीं है। बड़े जलाशय के इंडिकेटर अच्छे संकेत नहीं दे रहे हैं वहीं, बुआई का समय अब खत्म हो चुका है। जलस्तर में गिरावट देखी जा रही है। 15 सितंबर तक राज्य के कृषि की बुआई और उपज को लेकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी। वहीं किसानों के एनपीए लोन को लेकर सरकार मंथन कर रही है, जल्द ही कोई न कोई रास्ता निकाला जाएगा। श्री बादल ने कहा कि मौसम की मार से किसान निराश हैं और ऐसी स्थिति में हमारा फर्ज है कि किसानों के हित को देखते हुए फैसले लें।