“बड़े ही हौसले भरे शब्दों से उसने बताया “भले ही मेरे सपने टूटे हैं, लेकिन हौसले अभी जिंदा है। जिंदगी ने मुझसे मेरा हमसफर छीन लिया, लेकिन अब बच्चों को पढ़ा लिखाकर फौज में अफसर बनाना मेरा सपना है।” परिवार का पेट भरने के लिए कुली का काम करती – संध्या

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JAMSHEDPUR : सोमवार 16 जनवरी, 2023 

मध्य प्रदेश की कटनी रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करने वाले पुरुषों के बीच एक महिला भी शामिल है, जिनका नाम है संध्या।  संध्या अपना और अपने परिवार का पेट भरने के लिए कुली का काम करती हैं।  बता दें की जहां गरीबी के कारण कई लोग गलत रास्ता पकड़ लेते हैं, ऐसे में एक महिला होकर इन्होने कभी गलत कदम नहीं उठायें बल्कि परिवार की इच्छाओं को पूरा करने के लिए मेहनत का रास्ता चुना। जी हाँ आप को मध्य प्रदेश की कटनी रेलवे स्टेशन पर एक 31 वर्षीय महिला कुली मिल जाएगी जो आपके बोझ को काम करने में सहायता करगी। 

बातचीत के दौरान संध्या ने बताया कि-  हां मैं कुली नंबर 36 हूं, इज्जत का खाती हूं, अपने बच्चों को बनाऊंगी अफसर, 45 मर्दों के बीच अकेली कुली हूं मैं।  मेरे पति के गुजर जाने के बाद मैंने अपने 3 बच्चो और बूढ़ी सास की ज़िम्मेदारी उठाने के लिए ये कुली का काम चालू किया है। 

बड़े ही हौसले भरे शब्दों से उसने बताया “भले ही मेरे सपने टूटे हैं, लेकिन हौसले अभी जिंदा है। जिंदगी ने मुझसे मेरा हमसफर छीन लिया, लेकिन अब बच्चों को पढ़ा लिखाकर फौज में अफसर बनाना मेरा सपना है। इसके लिए मैं किसी के आगे हाथ नहीं फैलाऊंगी। कुली नंबर 36 हूं और इज्जत का खाती हूं।” यह कहना है 31 वर्षीय महिला कुली संध्या का। 

महिला कुली को देखकर लोग हैरत में पड़ जाते हैं।  लोग मध्य प्रदेश के कटनी रेलवे स्टेशन पर कुली संध्या प्रतिदिन बूढ़ी सास और तीन बच्चों की अच्छी परवरिश का जिम्मा अपने कंधो पर लिए, यात्रियों का बोझ ढो रही है। रेलवे कुली का लाइसेंस अपने नाम बनवाने के बाद बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना करते हुए साहस और मेहनत के साथ जब वह वजन लेकर प्लेटफॉर्म पर चलती है, तो लोग हैरत में पड़ जाते हैं और साथ ही उसके जज्बे को सलाम करने को मजबूर भी हो जाते हैं। संध्या ने ये भी कहा कि मेरे साथ जो भी कुली भाई यहाँ पर काम करते है उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया है और अपने परिवार के सदस्य की तरह मेरा हिफाज़त किया है इस बात के लिए मैं अपने कुली भाइयो के लिए पूरी ज़िन्दगी सुक्रगुजार रहूंगी।

संध्या उन औरतों के मुह पर तमाचा है जो, मजबूरी के नाम पर गलत काम करती है। उन्होंने कहा कि आपको  तब तक कोई नहीं हरा सकता जब तक आप खुद से हार नहीं मान जाते, और अगर आपने जीतने की ठान ली है तो आपको पूरी दुनिया भी नहीं हरा सकती। 

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