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क्राइम

फर्जी दस्तावेज के आधार पर पूरे दो करोड़, सोलह लाख रुपयों का लगाया चपत।

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THE NEWS FRAME

आदित्यपुर । झारखंड


धोखाधड़ी करते हुए फर्जी दस्तावेज के आधार पर मेरी कंपनी मेसर्स शशांकनिधि कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित फ्लैट की पूरी रकम रूपये 216,00,000/-  (दो करोड़ सोलह लाख) का भुगतान किए बिना अन्य व्यक्ति को फ्लैट का हस्तांतरण कर पोजीशन दे दिया गया – रंजीत नारायण मिश्रा।

मामला विस्तार से,

मेसर्स शशांकनिधि कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर रंजीत नारायण मिश्रा, पिता श्री अमरेन्द्र नारायण मिश्रा के साथ बहुत बड़ा षडयंत्र हो गया है। इस सम्बंध में उन्होंने आदित्यपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई है जिसमें उन्होंने बताया है कि मेरी कंपनी का कार्यालय वर्ष 2012 में टाटा कांड्रा मेन रोड, नियर जय प्रकाश उद्यान, आदित्यपुर-1 था, एवं वर्तमान पता ड्रीम हाईट, साउथ पार्क क्यू रोड, बिस्टुपुर, जमशेदपुर है। वहीं वर्ष 2012 में दिनांक 27-11-2012 को मेरी कंपनी द्वारा निर्मित अपार्टमेंट ड्रीम हाउस, बिस्टुपुर स्तिथ फ्लेट की खरीद के लिए हमारी कंपनी मेसर्स शशांकनिधि कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड तथा विजय कुमार गंगवानी एवं पूनम गंगवानी के बीच फ्लैट स०-6A एवं 6C के लिए एकरारनामा बना (एकरारनामा की छायाप्रति संलग्न) जिसकी मूल कीमत रूपये 1,50,00,000/- (एक करोड़ अस्सी लाख एवं सर्विस टैक्स कर अतिरिक्त था। एकरारनामा के मुताबिक विजय कुमार गंगवानी एवं पूनम गंगवानी को जून 2014 तक पलैट की तय पूरी रकम सभी सरकारी कर सहित कंपनी को भुगतान कर पोजीशन लेना तय हुआ था। लेकिन 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस एकरारनामा की तय शर्तों के मुताबिक हमारी कंपनी को पूरी रकम का भुगतान नहीं किया गया है।

विजय कुमार गंगवानी एवं पूनम गंगवानी ने फ्लैट स०-6A एवं 6C के एवज में कंपनी को मात्र रूपये 61 लाख (इकसठ लाख) का भुगतान किया। एक समय पैसों की नितांत आवश्यकता का हवाला देते हुए इन दोनों द्वारा हमारी कंपनी से मार्च 2016 में चेक के माध्यम से रूपये 20 लाख (बीस लाख की रकम को वापस ले लिया, बाकी 10 वर्ष में कंपनी को दोनों फ्लैट के एवज में इन दोनों से मात्र रूपये 41,00,000/- (इकतालीस लाख) की रकम का भुगतान हुआ। उसी समय विजय कुमार गंगवानी एवं पूनम गंगवानी के साथ उनकी बेटी शाना डिकोस्टा एवं दामाद रथान डिकोस्टा भी साथ आये थे। इन लोगों ने मुझसे दोनों फ्लैट का पोजीशन माँगा और कहा की हम बाकी शेष रकम का भुगतान जल्द से जल्द कंपनी को कर देंगे। इन सब की बातो पर भरोसा कर मैने दोनों फ्लैट का पोजीशन दे दिया। 
हमारी बेटी और दामाद इस फ्लैट में रहेंगे ऐसा कह कर विजय कुमार गंगवानी एवं पूनम गंगवानी ने मुझसे आग्रह किया की दोनों फ्लैट को अंदर से कंपनी द्वारा मोडिफाई करवा दिया जाय इसके एवज में जितना भी खर्च आएगा उसका भुगतान भी हमलोग कंपनी को साथ ही साथ दे देंगे। उन सभी की बातो पर विश्वास कर कंपनी ने फ्लैट के अंदर लगभग रूपये 1500,000/- (पन्द्रह लाख) खर्च कर मॉडिफिकेशन भी करवा दिया एवं उनलोगों के स्वयं रहने हेतु दोनों फ्लैट का हैंडओवर करते हुए पोजीशन दे दिया। 10 वर्ष बाद भी रूपये 1500,000/- (पन्द्रह लाख) का भुगतान कंपनी को नहीं किया गया है। दोनों फ्लैट में स्वयं रहने की बजाय चारो व्यक्तियों द्वारा साजिश के तहत फर्जी दस्तावेज बनाकर किसी तीसरे व्यक्ति को दोनों फ्लैट बेच कर पोजीशन दे दिया। जबकि एकरारनामा की शर्तों के मुताबिक फ्लैट को बेचने का अधिकार इन दोनों के पास नहीं था।
दोनों फ्लैट का कर सहित बकाया रकम रूपये 2,16,00,000/- (दो करोड़ सोलह लाख) कुल रकम कर सहित 1,47,00,000/- (एक करोड़ सैतालिस लाख), अतिरिक्त कार्य निर्माण रकम 15,00,000/- (पन्द्रह लाख) मंथली मेन्टेन्स 4,00,000/- (चार लाख), लगभग बिलम्ब शुल्क 50,00,000/- (पचास लाख लगभग) की बार बार मांग करने पर इनलोगों द्वारा कंपनी को भुगतान नहीं किया जा रहा है, और यह कह कर धमकाया डराया जा रहा है की फ्लैट का पोजीशन हमारे पास है। थाना पुलिस एवं प्रशासन में हमारी पकड़ अच्छी है, का भय दिखा कर कहा तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे और हम तुम्हें मुकदमे में फंसा देंगे तथा शेष रकम का भुगतान भी नहीं करेंगे।
अब इस समस्या से निदान पाने के लिए रंजीत नारायण मिश्रा ने स्थानीय थाने में इसकी शिकायत विजय कुमार गंगवानी पूनम गंगवानी, शाना डिकोस्टा एवं रथान डिकोस्टा पर की है, जिसमें धोखाधड़ी करने, फ्लैट हथियाने, फर्जी दस्तावेज के माध्यम से तीसरे पक्ष को दोनों फ्लैट हस्तांतरित करने, झूठे मुकदमे में फसाने की धमकी देने एवं शेष रकम रूपये 2,16,00,000/- दो करोड़ सोलह लाख) का भुगतान कंपनी को नहीं करने के मामले में उचित कानूनी कार्यवाही करने की माँग की है।

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