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जमशेदपुर | झारखण्ड
साहेबगंज अवैध पत्थर खनन घोटाला में ईडी ने कृष्णा साहा को गिरफ्तार किया है और आज भगवान भगत को बुलाकर पूछताछ किया है। ईडी इस मामले में सुब्रतो पॉल और प्रकाश केडिया से भी पूछताछ करें। क्योंकि इन दोनों ने फर्जी चालान लेकर अवैध खनन किया है। साहेबगंज से बिहार और बंगाल जाने वाले ट्रकों को जारी किये गये चालान और धर्मकाँटा से निर्गत रसीद की जाँच ईडी करे तो पता चल जायेगा कि किसके नाम से चालान जारी हुआ है और उसके विरूद्ध किसके नाम से धर्मकाँटा रसीद निकाला गया है। उक्त बातों की जानकारी विधायक सरयू राय ने अपने प्रेस वक्तव्य में कही है।
उन्होंने आगे कहा है की प्रकाश केडिया को जितने खनन क्षमता के लिए पर्यावरण अनुमति प्राप्त हुआ है, उसके सौ गुना से अधिक उसके नाम से जिला खनन कार्यालय से चालान जारी किये गये हैं। इन चालानों का उपयोग बंद पड़े खदानों या अवैध माईनिंग से निकले पत्थर को बिहार और बंगाल भेजने में किया गया है। इसकी जाँच भी होनी चाहिए कि जारी किये गये माननिंग चालान में से कितनों को दोष के आधार पर रद्द किया गया है। दोष आधारित चालान रद्द करना एक अपवाद होता है जबकि इन लोगों के मामले में सैकड़ों चालान को दोष रहित कर के रद्द कर दिया गया है। परन्तु इन चालानों के विरूद्ध अवैध रूप से खनन किये गये पत्थर का परिवहन हुआ है। यह सिलसिला प्रकाश केडिया ने वर्ष 2018 में शुरू किया और 2018 से 2022 के बीच यह सिलसिला निर्बाध चलता रहा। इस बीच में जितने भी खनन पदाधिकारी रहे है, उन सभी की इसमें सांठ-गांठ रही हैं।
इस मामले में साहेबगंज के जिला खनन पदाधिकारी और जिला वन पदाधिकारी के साथ इन्हें बैठाकर आमने-सामने पूछताछ करने से अरबो रूपये के खनन घोटाले का पर्दाफाश होगा और पता चलेगा कि कितने बड़े क्षेत्रफल के वन भूमि में अवैध खनन हुआ है। इन लोगों ने साहेबगंज के पतना अंचल में चपांडे पहाड़ पर स्थित आदिम पहाड़िया जनजाति के कब्रगाह स्थल को भी ब्लास्ट करके उड़ा दिया है, जो कि एक जघन्य अपराध है।
इसके साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं पर भी आरोप लगाए हैं और कहा है की कतिपय पदाधिकारी की सांठ-गांठ साहेबगंज जिला के अवैध खनन से रही है, उसकी जाँच भी ईडी को करनी चाहिए। भाजपा के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी पर साहेबगंज जिला प्रशासन ने एफआईआर भी दर्ज किया है और अवैध खनन से निकले पत्थरों के कई ट्रक भी जब्त किये है। भाजपा को भी चाहिए कि वह अपने ऐसे पदाधिकारियों के विरूद्ध अनुषासनात्मक कार्रवाई करे, जिनका प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से साहेबगंज अवैध पत्थर खनन घोटला से संबंध है।