जमशेदपुर | झारखण्ड
तीन चरणों में 7 अगस्त से 14 अक्टूबर तक चलेगा मिशन इंद्रधनुष
जिला दण्डाधिकारी-सह- उपायुक्त श्रीमती विजया जाधव की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आहूत की गई। बैठक में उप विकास आयुक्त श्री मनीष कुमार, सिविल सर्जन डॉ जुझार माझी, निदेशक एनईपी श्रीमती ज्योत्सना सिंह, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती नेहा संजना खलखो, सभी स्वास्थ्य विभागीय जिला स्तरीय पदाधिकारी, एमओआईसी, सीडीपीओ, बीपीएम व अन्य मौजूद रहे। बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करते हुए सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी पर चर्चा की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में पोटका, पटमदा, धालभूमगढ़ में घरों में प्रसव कराये जाने के कुछ मामले सामने आने पर उपायुक्त ने अप्रसन्नता जाहिर की। उन्होने सभी बीपीएम(स्वास्थ्य) को निदेशित किया कि गृह प्रसव के मामलों की जांच कर रिपोर्ट सौंपे कि आखिर किस परिस्थिति में प्रसूता महिलायें अस्पताल नहीं पहुंच पाई। साथ ही ऐसे बच्चों एवं उनकी माताओं का संपूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित कराने का निदेश दिया गया। साथ ही सभी एमओआईसी एवं बीपीएम को रोस्टर बनाकर क्षेत्र में अनिवार्य रूप से भ्रमण का निदेश दिये।
धालभूमगढ़ एवं पटमदा के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में शून्य प्रसव पर उपायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि ये गंभीर विषय है जहां ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा होने के बावजूद लोग इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं। उन्होने सीएचसी, पीएचसी स्तर पर ही प्रमुखता से प्रसव कराते हुए एमजीएम व सदर अस्पताल में रेफरल में कमी लाने की बात कही। पहला एनएनसी जांच कराने वाली महिलायें चौथा एएनसी तक जांच जरूर करायें इसे सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया। बहरागोड़ा, चाकुलिया, पोटका में ब्लड स्टोरेज यूनिट के लिए प्रस्ताव बढ़ाने का निदेश एमओआईसी को दिया गया।
सभी सीएचसी में रिक्त एनएनएम के पदों को 31 जुलाई तक भरें… उपायुक्त
स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी की दिशा में उपायुक्त द्वारा सभी सीएचसी में रिक्त एएनएम के पदों पर जल्द आउटसोर्स से बहाली का निर्देश दिया गया है। उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित कमिटी को रिक्तियों के संबंध में ब्यौरा लेते हुए 31 जुलाई तक भर्ती प्रक्रिया पूरा करने का निदेश दिया गया। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग में जिला स्तरीय रिक्त 303 पदों पर नियुक्ति हेतु स्वीकृति प्रदान की गई। इसके तहत एएनएम, स्टाफ नर्स, जीएनएम, फार्मासिस्ट, काउंसलर, डेंटल टेक्निशियन आदि के पद भरे जाएंगे जिसमें 303 पदों में 147 बैकलॉग रिक्ति है। साथ ही आयुष चिकित्सक के 2 पद एवं चिकित्सा सहायक के 2 पद के लिए वॉक इन इंटरव्यू की स्वीकृति दी गई।
फर्जी क्लिनिक एवं झोलाछाप चिकित्सकों के विरूद्ध जांच का निर्देश
गर्भवती माताओं की कोख में पल रहे भ्रूण की ससमय जांच कर उनकी प्रगति पर नजर रखी जा सके इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अल्ट्रासाउंड सेंटर की सुविधा बढ़ाने पर विचार किया गया। उपायुक्त ने कहा कि भ्रूण की जांच कर नियमित निगरानी से ही कुपोषित बच्चों के मामलों में कमी लाई जा सकती है। कई बार जनता दरबार में भी ऐसे मामले देखने को मिलते हैं जहां 4-5 साल के बच्चे बोलने-चलने में असमर्थ हैं, समय पर उन गर्भवती माताओं का अल्ट्रासाउंड जांच कर भ्रूण की निगरानी की गई होती तो ऐसे दृश्य हमारे सामने नहीं आते। उन्होने पीसीपीएनडीटी की समीक्षा में अनावश्यक रूप से गर्भवती माताओं को रेफर नहीं करते हुए स्थानीय स्तर पर ही अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही। जिले में अवैध रूप से संचालित फर्जी क्लिनिक व झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध जांच कर सख्त कार्रवाई का निर्देश उपायुक्त द्वारा दिया गया।
छूटे हुए 0-2 वर्ष के बच्चे एवं गर्भवती माताओं को लक्षित कर मिशन इंद्रधनुष के तहत चलेगा सघन टीकाकरण अभियान
जिला में मिशन इन्द्रधनुष अभियान तीन चरणों में चलाया जाएगा। प्रथम चरण 7 से 12 अगस्त 2023, द्वितीय चरण 11 से 16 सितंबर 2023 एवं तृतीय चरण 9-14 अक्टूबर 2023 तक चलाया जाएगा जिसमें 0 से 2 वर्ष के वैसे बच्चे जिन्हें एक भी टीका नहीं लग सका एवं जिनको कुछ टीके लगे हैं लेकिन पूर्ण टीकाकृत नहीं है। साथ ही 2 से 5 वर्ष के वह बच्चे जिनको एमआर1-एमआर 2 एवं बूस्टर डोज डीपीटी-ओपीए नहीं लग पाया है। साथ ही गर्भवती माताएं जिनको पूरे टीके नहीं लगे हैं। इन सभी लक्षित बच्चों एवं गर्भवती माताओं को मिशन इन्द्रधनुष अभियान 5.0 के तहत टीकाकृत करने की सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इससे पूर्व स्वास्थ्य विभाग द्वारा घर-घर जाकर हैंडकाउंट सर्वे कराया जाएगा, सर्वे के आधार पर छूट गए बच्चों एवं गर्भवती माताओं का टीकाकरण किया जाएगा।