बाबा विश्वनाथ : बृहस्पतिवार 16 दिसम्बर, 2021
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 13 दिसम्बर, 2021 को वाराणसी में बाबा विश्वनाथ धाम का उद्घाटन किया। जहां उन्होंने पवित्र-पावन गंगा नदी में डुबकी लगाई और भव्य पूर्जा-अर्चना की। उसके बाद उन्होंने अपनी गतिविधियां जारी रखीं। प्रधानमंत्री ने सोमवार की देर शाम गंगा आरती में भी हिस्सा लिया।
गंगा आरती के समय प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि काशी की आरती हमेशा मन को नई ऊर्जा से भर देती है। उन्होंने कहा, “काशी की गंगा आरती हमेशा अंतर्मन को नई ऊर्जा से भर देती है। आज काशी का बड़ा सपना पूरा होने के बाद दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल हुआ और मां गंगा को उनकी कृपा के लिए नमन किया। नमामि गंगे तव पाद पंकजम्।”
बाद में प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों के साथ गहन बैठक की।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “काशी में @BJP4India मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों के साथ विस्तृत बैठक अभी पूरी की।”
प्रधानमंत्री ने काशी में मुख्य विकास कार्यों का भी निरीक्षण किया। एक ट्वीट में उन्होंने कहा, “काशी में मुख्य विकास कार्यों का निरीक्षण। यह हमारा प्रयास है कि इस पवित्र नगरी में संभावित सर्वश्रेष्ठ अवसंरचना का निर्माण हो।”
प्रधानमंत्री रेलवे स्टेशन भी गये। उन्होंने कहा, “अगला गंतव्य….बनारस स्टेशन। हम रेल संपर्कता के साथ-साथ स्वच्छ, आधुनिक और यात्री अनुकूल रेलवे स्टेशनों का निर्माण सुनिश्चित करने के लिये काम कर रहे हैं।”
देर रात को विकास परियोजनाओं का निरीक्षण करना प्रधानमंत्री की काम करने की शैली है। इसमें यह ध्यान रखा जाता है कि लोगों को कम से कम असुविधा का सामना करना पड़े। वे लोगों के साथ खुलकर मिले, जिससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री के प्रति लोगों में कितना उत्साह और प्रेम है, जो उनके स्थानीय सांसद भी हैं।
Behind the success of the Shri Kashi Vishwanath Dham project is the hardwork of countless individuals. During today’s programme I had the opportunity to honour them and have lunch with them. My Pranams to these proud children of Bharat Mata!
जब भारत सौ साल की आजादी का समारोह मनाएगा, तब का भारत कैसा होगा, इसके लिए अभी से काम करना और हमारा आत्मनिर्भर होना जरूरी है। महादेव की कृपा से, हर भारतवासी के प्रयास से हम आत्मनिर्भर भारत का सपना सच होते देखेंगे।
आज हजारों वर्ष पुरानी काशी से मेरा हर देशवासी से आह्वान है- पूरे आत्मविश्वास से सृजन करिए और Innovative तरीके से आगे बढ़िए। समय का चक्र देखिए, आतंक के पर्याय इतिहास के काले पन्नों तक सिमटकर रह गए हैं। आज हमारी काशी आगे बढ़ रही है, अपने गौरव को फिर से नई भव्यता दे रही है।
The great Adi Shankaracharya has made monumental contributions towards preserving our culture and civilisational ethos. Paid homage to him at Kashi.
काशी विश्वनाथ धाम में स्थापित भारत माता की प्रतिमा के सम्मुख श्रद्धा सुमन अर्पित किए। विश्वनाथ धाम में माँ भारती का ये स्वरूप आस्था के साथ राष्ट्र के प्रति हमारे कर्तव्यों का भी बोध कराएगा।
जिस तरह काशी अनंत है, वैसे ही काशी का योगदान भी अनंत है। काशी के विकास में अनंत पुण्य-आत्माओं की ऊर्जा शामिल है। इस विकास में भारत की अनंत परंपराओं की विरासत भी शामिल है।
काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथों में डमरू है। यहां जो कुछ होता है, महादेव की इच्छा से होता है, जो कुछ भी हुआ है, महादेव ने ही किया है।
विश्वनाथ धाम का नया परिसर एक भव्य भवन भर नहीं है, ये प्रतीक है हमारे भारत की सनातन संस्कृति का, आध्यात्मिक आत्मा का, प्राचीनता और परंपरा का, ऊर्जा और गतिशीलता का!
विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के साथ ही बाबा विश्वनाथ के चरणों में अर्चन-अभिषेक का सौभाग्य भी मिला। पूजन के समय एक ही भाव मन में उठ रहा था- यद्यत्कर्म करोमि तत्तदखिलं शम्भो तवाराधनम्। राष्ट्रसेवा में मैं जो भी कर्म कर रहा हूं, वो सब महादेव आपकी ही आराधना है, आपका ही आशीर्वाद है।
माँ गंगा की गोद में उनके स्नेह ने कृतार्थ कर दिया। ऐसा लगा जैसे माँ गंगा की कलकल करती लहरें विश्वनाथ धाम के लिए आशीर्वाद दे रही हैं। हर हर महादेव। हर हर गंगे।
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