प्रगतिशील महिला किसान महेश्वरी मुंडा की सफलता की कहानी।

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SUCCESS STORY  :  फूलों की खेती से बनाई अलग पहचान, दूसरों के लिए बनीं प्रेरणास्रोत 

गुड़ाबांदा प्रखंड के अंगारपाड़ा पंचायत अंतर्गत पुनासिया गांव की निवासी महेश्वरी मुंडा प्रगतिशील किसान के रूप में जानी जाती हैं जिनके एक प्रयास से ना सिर्फ उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई बल्कि अन्य महिलाओं को भी स्वावलंबी होने का राह दिखा रही हैं। 20 साल पहले महेश्वरी मुंडा की शादी सुकलाल मुण्डा के साथ हुई। पारंपरिक खेती पर निर्भर महेश्वरी के परिवार में एक समय ऐसा भी आया कि पति-पत्नी दोनों को दूसरों के घर मजदूरी करके जीवन-बसर करना पड़ा। महेश्वरी बताती हैं कि संयोगवश वर्ष 2018 में एक किसान गोष्ठी के दौरान आत्मा द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी मिली, उसी समय ठान लिया कि नई तकनीक से खेती करेंगी जिससे मुनाफा अच्छा हो सके और मजदूरी के लिए भटकना नहीं पड़े।

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तकनीक अपनाकर खेती में उपज बढ़ाया, आमदनी बढ़ी

महेश्वरी मुंडा ने शुरूआत में नई तकनीक सीखने पर ज्यादा जोर दिया। नई तकनीक के साथ सबसे पहले उन्होने चना, सरसो और गरमा धान की खेती की जिसमें आत्मा कर्मियों का पूरा सहयोग मिला। धीरे-धीरे खेती में उपज बढ़ता गया जिससे सलाना पहले जहां 30 से 40 हजार रूपये आमदनी होती थी वो बढ़कर बाद में एक लाख रू. तक मुनाफा होने लगा।  

शादी के सीजन में प्रतिदिन 400-500 होती है फूलों से आमदनी

आत्मा के प्रसार कर्मियों ने महेश्वरी मुंडा को खेती के प्रति विशेष रूचि को देखते हुए साग-सब्जी की खेती के साथ-साथ फुलों की खेती कि लिए प्रोत्साहित किया । महेश्वरी मुंडा को जरबेरा फूल की खेती के लिए उद्यान विभाग से सहयोग मिला। शादी के मौसम में खपत बढ़ जाने से प्रतिदिन वह लगभग 400-500 रू. फूल बेचकर मुनाफा कमाती हैं तथा आज वे अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी रही हैं। जरबेरा फूल की खेती से सालाना महेश्वरी मुंडा को लगभग एक लाख रू. से अधिक की आमदनी हो रही है।

किसानों के लिए महेश्वरी मुंडा का संदेश

राज्य सरकार किसानों के हित में सब्सिडी पर कई योजना चला रही है। पंपसेट लेना हो या सिंचाई कूप अथवा डोभा का निर्माण, आम लोग जागरूक होकर योजनाओं का लाभ लेते हुए खेती करें तो खेती किसानी का कार्य बोझ नहीं लगेगा। वे कहती हैं कि किसानों को ट्रेनिंग देना हो या नई तकनीक की जानकारी देना कृषि विभाग, उद्यान विभाग व आत्मा के पदाधिकारी-कर्मियों का भरपूर सहयोग मिलता है, जरूरत है कि लोग आगे आकर इसका लाभ उठायें।  

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