पैगंबर के अपमान का बदला, श्रीलंकाई नागरिक की पाकिस्तान में कर दी गई बेरहमी से हत्या।

THE NEWS FRAME

Crime Dairy : सोमवार 06 दिसम्बर, 2021

पैगंबर का किया अपमान, इसलिए कर दी गई श्रीलंकाई नागरिक की बेरहमी से हत्या।

मामला शुक्रवार 3 दिसम्बर, 2021 पाकिस्तान, सियालकोट के वरीजाबाद रोड की है। जहां एक श्रीलंकाई नागरिक एक प्राइवेट फैक्ट्री में एक्सपोर्ट मैनेजर के तौर पर काम किया करता था। जानकारी के मुताबिक फैक्ट्री के मजदूरों ने एक्सपोर्ट मैनेजर पर हमला कर इतना मारा की उसकी मौत हो गई। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद भी उनका मन नहीं भरा तो उसकी लाश को भी आग के हवाले कर जला दिया। जलाने वालों में से कुछ ने इस हत्याकांड का वीडियो तक बनाया और उसे सोशल मीडिया पर शेयर भी कर दिया है। इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि कोई सख्स जल रहा है और कई युवा और बुजुर्ग घटनास्थल पर नारेबाजी कर रहे हैं। 

वहीं इस घटना पर सियालकोट के पुलिस का कहना है कि ईशनिंदा का आरोप लगाते हुए भीड़ ने श्रीलंकाई नागरिक के ऊपर हमला कर, पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी। हालांकि अभी तक इस मामले में कोई भी  एफआईआर दर्ज नहीं हो पाई है। सियालकोट के डिस्ट्रिक्ट पुलिस ऑफिसर उमर सईद मलिक ने हमले में मारे गए शख्स की पहचान श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमार के तौर पर की है। वहीं एक अधिकारी का कहना है की फैक्ट्री के वर्कर्स ने उस व्यक्ति पर पैगंबर मोहम्मद के नाम वाले पोस्टर फाड़ डालने का आरोप लगाया था। 

जबकि, डिस्ट्रिक्ट पुलिस ऑफिसर उमर सईद मलिक का कहना है कि अभी तक हत्या की अहम वजह बता पाना मुश्किल है। पुलिस इस हत्या के पीछे की सही जानकारी प्राप्त करने की कोशिश कर रही है।

पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने इस घटना पर एक ट्वीट कर कहा है कि – “मैंने आईजी पुलिस को इस घटना की गंभीरता से जांच करने के लिए कहा है। किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। इस अमानवीय कृत्य में जो लोग भी शामिल हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।”

वहीं पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन माजरी ने इस घटनाक्रम को भयावह और निंदनीय करार दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा – “किसी भी परिस्थिति में भीड़ द्वारा हिंसा स्वीकार नहीं किया जा सकता है, सरकार के पास हर अपराध से निपटने के लिए कानून है। पंजाब सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”

सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि इस निंदनीय अपराध के बाद भी पाकिस्तान की सत्ता पार्टी और विपक्षी दल मौन है।

जबकि कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए क्षेत्र में भारी संख्या में सुरक्षा बल की तैनाती की गई है।

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