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पूर्व सैनिकों का सम्मान और रोजगार है संगठन की प्राथमिकता – कर्नल आरके सिन्हा

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केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री से मिला पूर्व सैनिक सेवा परिषद का प्रतिनिधि मंडल

जमशेदपुर : अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद/ मातृशक्ति झारखंड मुख्य उद्देश्य पूर्व सैनिकों का सम्मान और उनका नियोजन है जिससे उनकी जीवन शैली समाज के साथ गतिमान हो सके। हम सबको मिलकर एक सशक्त सैनिक संगठन बनाना है जिससे सैन्य हितों की रक्षा के साथ साथ उनको स्तरीय रोजगार मिल सके।

राष्ट्रहित समाजहित, एवम सैन्यहित के मुद्दों सहित पूर्व सैनिकों के पुनर्वास, शहीदों के सम्मान एवम समाज में राष्ट्रीयता की भावना के संचरण में राष्ट्रीय स्तर पर परिषद द्वारा किए जा रहे। साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर संगठन के विहंगम स्वरूप, तथा राष्ट्रहित, समाजहित एवम सैन्यहित के अंतर्गत संगठन द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं, प्रकल्पों एवम कल्याणकारी कार्यों की जानकारी माननीय मंत्री को दी गई। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय एवम प्रदेश स्तर की सभी सैन्य समस्याओं के शीघ्र निस्तारण का आश्वासन दिया।

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01. वर्ष 2000 में झारखंड प्रदेश के गठन के बाद आज तक राज्य सरकार की नौकरियों में पूर्व सैनिको को कोई आरक्षण नहीं दिया जा रहा है जबकि देश के 04 राज्यों के अलावा सभी राज्यों में पूर्व सैनिको के लिए आरक्षण का प्रावधान है।

02. सेवानिवृत होने के बाद शहीदों एवम पूर्व सैनिकों के मिलने वाली बंदोबस्ती जमीन के आवंटन पर सरकार द्वारा रोक लगा दिया गया है।

03. टाटा स्टील सहित राज्य के समस्त निजी संस्थानों की सुरक्षा कार्यों में पूर्व सैनिकों को कोई प्राथमिकता नहीं है।

04. जमशेदपुर जैसे शहर में ECHS के मध्यम से सिर्फ एक अस्पताल ही सूचीबद्ध है एवम लौहनगरी के सबसे प्रमुख अस्पताल टाटा मेन हॉस्पिटल को ECHS से सूचीबद्ध करने की मुहिम पिछले 7 वर्षों से विफल रही है।

05. राष्ट्र के लिए शहीद होने वाले सैनिकों के आश्रितों एवम परिवार को राज्य में उचित सम्मान, मुआवजा, एवम पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था अन्य राज्यों की तुलना में बहुत कम है।

06. DGR के माध्यम से विभिन्न संस्थानों में सुरक्षा सेवा देने वाले पूर्व सैनिकों को निर्धारित मानदंडों के अनुसार वेतन नहीं दिया जा रहा है एवम उनका लगातार शोषण हो रहा है।

06. DGR से मान्यता प्राप्त सिक्योरिटी एजेंसियों के परिचालन का अधिकार फौज से सेवानिवृत अधिकारियों को प्राप्त है परंतु ऐसे अधिकतर एजेंसियों के परिचालन की जिम्मेदारी स्थानीय प्रभाव वाले व्यक्ति को सौप दिया जाता है जिससे इन संस्थानों में पूर्व सैनिकों की बहाली से ले कर उनके दैनिक कार्यकलापों, एवं वेतन भत्तों में जम कर विसंगतियां हो रही हैं।

07. झारखण्ड में ESM से दबंगो और पुलिस कर्मियों द्वारा दुर्व्यवहार की घटनाएं काफी आम है। इसके खिलाफ प्रशासन में सुनवाई भी मुश्किल से होती है। उत्तर प्रदेश में एक सीनियर एस पी रैंक के आफिसर को पूरे प्रदेश में ESM के मामलों पर शीघ्रता एवं प्रभावी ढंग से कार्यवाई करने के लिए चिन्हित कर दिया गया है। इस प्रकार की व्यवस्था झारखंड के साथ-साथ अन्य प्रदेशों में भी लागू किया जाए।

08. CSD Canteen की सुविधा सभी पूर्व सैनिक एवं उनके परिवार को लागू है। परन्तु झारखंड के सिर्फ 03 जिलों में CSD Canteen उपलब्ध है नतीजन ज्यादातर ESM को यह सुविधा उपलब्ध नहीं हो रहा।

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