पुरी रथ यात्रा 2024 में हादसा: एक भक्त की मौत, 400 से अधिक घायल

पुरी, 7 जुलाई 2024: आज पुरी में भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध रथ यात्रा के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। प्रभु बलभद्र के रथ को खींचे जाने के दौरान भक्तों की भारी भीड़ में दबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और 400 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए।

Puri Jagannath Rath Yatra 2024

घटना का विवरण:

  • हादसा उस समय हुआ जब भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष रथ को खींचने की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
  • अचानक भक्तों के बीच धक्का-मुक्की होने से भगदड़ मच गई, जिससे 400 से अधिक श्रद्धालु नीचे गिर गए।
  • इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए।
  • घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से अभी तक 50 को प्राथमिक उपचार करने के बाद छुट्टी दे दी गई है।
  • मृतक भक्त ओडिशा के बाहर का रहने वाला बताया जा रहा है, उसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।

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Puri Jagannath Rath Yatra 2024

रथ यात्रा का महत्व:

  • पुरी रथ यात्रा, जिसे “कार” उत्सव भी कहा जाता है, हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है।
  • यह त्योहार भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की रथ यात्रा का प्रतीक है।
  • मान्यता है कि इस रथ यात्रा में शामिल होने से 100 यज्ञ कराने के बराबर पुण्य मिलता है।
  • इस वजह से हर साल बड़ी संख्या में भक्त इस रथ यात्रा में शामिल होते हैं।

इस साल की रथ यात्रा में कुछ खास बातें:

  • इस साल पुरी में 53 साल बाद रथ यात्रा दो दिनों की हो रही है। 1971 से यह रथ यात्रा एक दिन की हो रही थी।
  • भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ दो दिन में मौसी के घर पहुंचेंगे।
    मान्यता के अनुसार यहां भगवान कई तरह के पकवान खाते हैं, जिससे उनकी तबीयत खराब हो जाती है।
  • रथ यात्रा शुरू होने से पहले होने वाली रस्में रविवार को ही हो रही हैं।
  • भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा दोपहर 2.30 बजे अपने-अपने रथ में विराजमान हुए।

यह हादसा निश्चित रूप से इस साल की रथ यात्रा की खुशियों पर एक ग्रहण लगा देगा। हम मृतक भक्त की आत्मा को शांति और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं।

Puri Jagannath Rath Yatra 2024

पुरी में हुआ यह हादसा उस वक्त हुआ जब प्रभु श्री बलभद्र के रथ को खींचे जाने के दौरान एक भक्त की सांस रूक जाने से मृत्यु हो गई। जानकारी के अनुसार, भगवान श्री जगन्नाथ जी के नंदीघोष रथ को जैसे ही खींचने की प्रक्रिया शुरू हुई। भक्तों के बीच अचानक से धक्का-मुक्की होने लगी ऐसे में वहीं भगदड़ की स्थिति बन गई, जिस कारण 400 से अधिक श्रद्धालु नीचे गिर गए।

50 भक्तों का हुआ प्राथमिक इलाज

इस घटना के दौरान 50 भक्तों को गंभीर चोटे लगी हैं। दुर्घटना में घायल सभी श्रद्धालुओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसमें 50 से अधिक भक्तों को प्राथमिक इलाज के बाद जाने दिया गया।

वहीं, अन्य गंभीर रूप से घायल श्रद्धालुओं का इलाज पुरी के मुख्य अस्पताल में चल रहा है। जानकारी के अनुसार मृतक श्रद्धालु ओडिशा के बाहर का रहने वाला है।

स्नान पूर्णिमा के बाद भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा रथ में विराजमान, रथयात्रा की रस्में पूरी

मान्यता के अनुसार, स्नान पूर्णिमा पर स्नान के बाद भगवान बीमार हो जाते हैं। इस साल भी स्नान पूर्णिमा के बाद भगवान ठीक हो चुके हैं। रथयात्रा शुरू होने से पहले होने वाली रस्में रविवार को ही संपन्न हुईं। जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा दोपहर 2.30 बजे अपने-अपने रथ में विराजमान हुए।

जगन्नाथ मंदिर के पंचांगकर्ता डॉ. ज्योति प्रसाद ने बताया कि भगवान को आम दिनों से 2 घंटे पहले जगाया गया और मंगला आरती सुबह 4 की बजाय तड़के 2 बजे की गई। मंगला आरती के बाद करीब 2.30 बजे दशावतार पूजन हुआ। 3 बजे नैत्रोत्सव और 4 बजे पुरी के राजा की तरफ से पूजा की गई। सुबह 5.10 बजे सूर्य पूजा और करीब 5.30 बजे द्वारपाल पूजा हुई। सुबह 7 बजे भगवान को खिचड़ी भोग-प्रसाद लगाया गया।

रथयात्रा की शुरुआत से पहले यह सभी रस्में पूरी की गईं, ताकि भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा रथ में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दे सकें।

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