प्रतीकात्मक चित्र |
Turkey Crisis : मंगलवार 07 फरवरी, 2023
डूबते हुए पाकिस्तान ने दिखाई अपनी अकड़, भूकंप से तबाह हुए तुर्की को मदद देने, भारत ने दिखाई दोस्ती, भेजी विमान से राहत सामग्री जिसे रोका पकिस्तान ने।
बता दें कि विश्व के तमाम देशों द्वारा तुर्की में आए भीषण भूकंप से राहत देने के लिए आवश्यक सामग्री भेजनी आरंभ कर दी है।
ऐसे में वसुधैव कुटुंबकम् की भावना रखने वाला हमारा देश भारत भला कैसे पीछे रह सकता है। भारत ने भी तुर्की को राहत सामग्री भेजने की व्यवस्था की और इसकी पहली खेप भेज दी है।
आपको बता दें कि इस राहत सामग्री की पहली खेप में एक विशेषज्ञ, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल, खोज और बचाव दल, जिसमें सेवा देने के लिए इस दल में महिला–पुरुष दोनों कर्मी शामिल है। साथ ही एडवांस डॉग स्क्वॉड, चिकित्सा सामग्री, मेडिसिन, उन्नत ड्रिलिंग एवं सफाई उपकरण भी भेजे हैं।
भारतीय सेना के आगरा स्थित आर्मी फील्ड हॉस्पिटल से 89 सदस्यीय मेडिकल टीम को तुर्की भेजा गया है। जिसमें विशेषज्ञों में आर्थोपेडिक सर्जिकल टीम, मेडिकल स्पेशलिस्ट टीम, जनरल सर्जिकल स्पेशलिस्ट टीम, सहित क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट टीम भी शामिल हैं, साथ ही जाने वाली इस टीम के द्वारा, तुर्की के आपातकालीन क्षेत्र में 30 बेड वाली चिकित्सा सुविधा, जिसमें ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, कार्डिएक मॉनिटर, एक्स-रे मशीन, वेंटिलेटर और संबंधित उपकरणों शामिल है।
दुःख की इस घड़ी में भारत ने दोस्ती का रवैया अपना कर अपना फर्ज अदा किया है। ऐसे में भारत से राहत सामग्री लेकर जा रहे विमान को पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र में घुसने की इजाजत ही नहीं दी। जिस कारण भारतीय विमान को घूमकर लंबी दूरी तय करनी पड़ी और दूसरे वायुमार्ग से तुर्की पहुंचना पड़ा।
ऐसा करके पाकिस्तान ने एक बार फिर दुनियां को यह दिखा दिया है की पाकिस्तान कभी भी वफादारी नहीं कर सकता। वह खुद को तुर्की के सबसे करीबी दोस्तों में एक बताता है लेकिन मुसीबत की इस घड़ी में उसकी इस हरकत पर क्या कहा जाए?उसकी यह हरकत पूरा विश्व याद रखेगा।
हालांकि भारत से भेजी गई राहत सामग्री पर तुर्की के राजदूत फिरत सुनेल ने प्रतिक्रिया देते हुए भारत को “दोस्त” करार दिया है। उन्होंने साफतौर से कहा की जरूरत में काम आने वाला दोस्त ही सच्चा दोस्त होता है।
प्रतीकात्मक चित्र |
आपको बता दें कि 5 फरवरी को तुर्की देश में आए भूकंप के झटकों से तुर्की ही नहीं बल्कि सीरिया में भी भयंकर तबाही आए है। अनुमान है की आए भयंकर भूकंप के कारण अब तक 7500 से अधिक लोगों ने अपनी जान गवां दी हैं। वहीं घायलों की संख्या 50,000 से अधिक हो सकती है। हालांकि WHO के अधिकारियों का ऐसा अनुमान है कि इस भूकंप में लगभग 20 हजार से अधिक लोगों की जान गई होगी।
आपको बता दें कि हालत यह है की रेस्क्यू टीम को घरों के मलबे में लोगों को जिंदा या मुर्दा निकाला जा रहा है, वहीं अभी भी हजारों के फंसे होने की आशंका है।
आपको बता दें कि तुर्की और सीरिया में आए इस भयानक भूकंप के झटकों ने देश के सीमा से लगे क्षेत्रों में भी झटके दे दिए हैं। अनुमान है की उन क्षेत्रों में 100 से अधिक भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं।