जमशेदपुर | झारखण्ड
नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी की ओर से बुधवार को एनएसयू सभागार में एनबीईएमएस (नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन फॉर मेडिकल साइंसेज) और पीसीआई (फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया) के सहयोग से कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो (डॉ) गंगाधर पांडा, प्रो वाइस चांसलर प्रो डॉ आचार्य ऋषि रंजन, डीन एडमिनिस्ट्रेशन प्रो नाजिम खान उपस्थित थे. इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन निकट भविष्य में भी जारी रखने के लिए छात्रों और संकायों को प्रत्साहित किया.
सीपीआर जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सह रिसोर्स पर्सन टाटा स्टील फाउंडेशन की डॉ बरनाली मुखर्जी थीं. डॉ मुखर्जी टाटा स्टील फाउंडेशन से अपनी टीम के सदस्यों के साथ आयीं और सीपीआर और इसकी विधि आदि की प्रयोगिक जानकारी दी. उन्होंने प्रभावित रोगियों के लिए सीपीआर के महत्व, उद्देश्यों और वर्तमान आवश्यकताओं के साथ-साथ प्राथमिक चिकित्सा उपचार के साथ आपातकालीन स्थिति में जीवन कैसे बचाया जाए, इसके बारे में उत्कृष्ट प्रस्तुति दी. प्रदर्शन और प्रस्तुति को दर्शकों और छात्र-छात्राओं ने खूब सराहा.
इससे पूर्व प्रिंसिपल और अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. इस क्रम में साईं वंदना और राष्ट्रगान भी किया गया. संस्थान के प्राचार्य प्रो (डॉ) दिलीप कुमार ब्रह्मा ने सीपीआर की विभिन्न संभावनाओं और रोगियों, फार्मासिस्टों और चिकित्सकों के लिए वर्तमान स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में इसके महत्व के बारे में बताते हुए स्वागत भाषण किया. कार्यक्रम को फार्मेसी विभाग के लगभग 300 छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में संकाय सदस्यों, समन्वयकों और छात्र स्वयंसेवकों द्वारा अच्छी तरह से समन्वित किया.