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झारखंड

नाम नहीं, काम बोलता है – एबीपीएसएसपी, पूर्वी सिंहभूम।

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नाम नहीं, काम बोलता है - एबीपीएसएसपी, पूर्वी सिंहभूम।

जमशेदपुर: अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के महासचिव सिद्धनाथ सिंह द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति पर अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद, पूर्वी सिंहभूम जिला इकाई में गहरा रोष उत्पन्न हुआ है। जिला इकाई ने एक बैठक बुलाई और सर्वसम्मति से यह तय किया कि अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद, पूर्वी सिंहभूम पिछले छह वर्षों से अपने मजबूत और संगठित रूप से सैन्य और सिविल समाज में पूर्वी सिंहभूम जिला ही नहीं, बल्कि पूरे झारखंड प्रदेश में विभिन्न आयामों में प्रगतिशील कार्य कर रही है। इस उपलब्धि में पूर्व नौ सैनिक सुशील कुमार सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद झारखंड प्रदेश का महामंत्री नियुक्त किया गया था।

परन्तु, हर युग में शकुनि और मंथरा का षड्यंत्र प्रभावी रहा है, जिसका परिणाम था पी ओ सुशील कुमार सिंह का परिषद से निष्कासन का पत्र। प्रदेश इकाई द्वारा अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद, पूर्वी सिंहभूम के प्रति सौतेला रवैया दिखाया जा रहा है। हालांकि, सुशील कुमार सिंह कभी भी पद के मोहताज नहीं रहे और उनकी महत्त्वपूर्ण अगुवाई में जिला इकाई परिषद ने सैन्य हित, समाज हित और राष्ट्र हित में बढ़-चढ़कर आयोजन किए हैं। सुशील कुमार सिंह के सेवा भाव और कल्याण कार्यों की चर्चा पूरे सैन्य और सिविल समाज में होती रही है।

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सुशील कुमार सिंह के 24x7x365 समाज सेवा के प्रति समर्पण, लगन, तत्परता और सेवा भाव की तारीफ संगठन के प्रत्येक सदस्य ने मुक्त कंठ से की है। साथ ही, शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों और प्रतिष्ठित लोगों ने भी इस विज्ञप्ति की निंदा की है। सभी ने स्वीकारा कि पद हो या न हो, नाम नहीं काम बोलता है और अपने सेवा कार्यों की बदौलत सुशील कुमार सिंह की ख्याति जिला और प्रदेश ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भी देखी गई है।

बैठक में उपस्थित समस्त सदस्यों ने एक स्वर से सिद्धनाथ सिंह की इस प्रेस विज्ञप्ति की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि सिद्धनाथ सिंह का यह कृत्य सैन्य परम्परा के खिलाफ तथा राजनीतिक मानसिकता से ओत-प्रोत है।

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