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नए स्टाफ की बहाली एवं सर्विस एग्रीमेंट समय से पूरा न होने की वजह से ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक जमशेदपुर की सेवाएं प्रभावित… 10,000 गौरव सेनानी और उनके आश्रितों के बीमारी का इलाज व दवाई खतरे में….

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Jamshedpur : सोमवार 13 जून, 2022

तीनों सेनाओं के सेवानिवृत्त ऑफीसर्स, जवान तथा उनके परिवार का इलाज करने तथा दवाई देने वाली संस्था ई सी एच एस पॉलीक्लिनिक जमशेदपुर है, जहां 10,000 ऑफिसर और जवान व आश्रित परिवार इस संस्था पर निर्भर है। इन आश्रितों के पूरे इलाज एवं दवाई की जिम्मेदारी ई सी एच एस पॉलीक्लिनिक जमशेदपुर का है। यहां पर डॉक्टर एवं सपोर्टिंग स्टाफ 2 साल के कांट्रेक्ट के टर्म पर सेवा देते हैं, जिनका समय सीमा पूरा होने से पूर्व नए कैंडिडेट की भर्ती के लिये विज्ञापन, इंटरव्यू और सलेक्शन के बाद उनकी नियुक्ति किया जाता है। नए या दुबारा नियुक्ति प्रक्रिया लम्बा है और समय लगता है।

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इसी कारणवश जब तक नई नियुक्तियाँ नहीं होती हैं तो पहले कार्यरत कैंडिडेट के सेवा को ही 89 दिन के लिये विस्तार कर दिया जाता है। इसका नियमों में ई सी एच एस ने प्रावधान रखा है। इस बार भी प्रक्रिया पूरी की गई और सलेक्शन बोर्ड ने वर्तमान में कार्यरत डॉ कर्नल ए के होता लैब टेक्नीशियन, लेडी अटेंडेंट एवं स्वीपर के सर्विस का सेवा विस्तार संबंधी बोर्ड पूरा हो चुका है। लेकिन उसका फाइनल सत्यापन उच्च स्तरीय अधिकारियों द्वारा पत्र न आने की वजह से पुराने कार्य करने वाले स्टॉफ़ एग्रीमेंट पूरा होने के बाद अवैतनिक सेवा देना पड़ेगा। इस समस्या से बचने के लिए एक पत्र संख्या B/49760/AG/ECHS (R)/2017 डेटेड 22 दिसम्बर 2017 में पॉलीक्लिनिक को मिला है। जिसमें प्रावधान है कि स्टेशन कमांडर 89 दिन के लिए इन कर्मचारियों का सेवा विस्तार कर सकते हैं।

मगर वर्तमान में कार्यरत स्टेशन कमांडर जो रांची में बैठते हैं, अभी तक इसके आलेख में कोई पत्र साइन नहीं किए और यह मामला विचाराधीन रह गया है। इस कारण से 24 मई 2022 से एक डॉक्टर और तीन पारा मेडिकल स्टाफ की सेवायें खत्म हो गयी हैं। तीन परमेडिक स्टाफ में अकेला लैब असिस्टेंट भी है। जीसके वजह से अब ई सी एच एस में कोई लैब सम्बन्धी काम नही हो सकता है। 25 मई 2020 से 10000 आश्रितों का स्वस्थ ई सी एच एस के सिर्फ आठ कर्मचारियों पर निर्भर हैं, जिसमें सिर्फ एक ही डॉक्टर हैं।दवाई के मामले में भी दिक्कत आने वाली है।नए स्टेशन कमांडर ने पिछले तीन महीनों के बिल साइन नही किये हैं। उनका आदेश है कि मेडिसिन लोकल परचेज प्रति दिन करो। चाहे एक दिन में ₹10/- का ही मेडिसिन लेना पड़े। यह एक इम्प्रैक्टिकल प्रयोग है।

स्टेशन कमांडर यहां के गौरव सेनानियों से अपना संपर्क नम्बर भी शेयर करने को तैयार नही हैं।यहाँ तक कि ऑफिसर इंचार्ज ई सी एच एस से भी नही…।

आज ये सब जानकारी अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के महामंत्री सुशील कुमार सिंह को ई सी एच एस के ऑफिसर इंचार्ज ने दिया। यह जानकारी शुक्रवार को ही प्राप्त हुई थी और गौरव सेनानियों ने अपने स्तर से उच्च सैन्य अधिकारियों को इस समस्या की जानकारी दे दी है। मगर आज सेवाएं बाधित देखकर बहुत दुख हुआ। इस मामला को सैनिक संगठन ने गंभीरता से लिया है और मीडिया के माध्यम से संबंधित अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करना चाहता है। अगर एक हफ्ता के अंदर इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो यहां के पूर्व सैनिक विवश होकर कड़े फैसले लेने के लिए बाध्य होंगे। चुकी ये समस्या जीवन रक्षा से संबंधित समस्या है, इसमें किसी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए। ई सी एच एस जमशेदपुर अच्छे से चल रहा था। 

आज तक कभी ऐसी समस्या नहीं आई. यहां के पूर्व ऑफिसर इन चार्ज रहे कर्नल चतुर्भुज नाथ एवं कर्नल वर्मा भी चिंतित हैं। इस समस्या को स्थानीय सीनियर ऑफिसर ब्रिगेडियर रणविजय सिंह ने भी ट्विटर के माध्यम से सीनियर अधिकारियों रक्षा मंत्रालय तथा एडीजी पीआई आर्मी का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया है।

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