लोहरदगा : राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस एवं संविधान बचाओ दिवस मनाया गया।
लोहरदगा के समाहरणालय परिसर के समीप इक्युलिप्टस मैदान में 2023 से लंबित मांगों की पूर्ति हेतु आज राष्ट्रीय विरोध दिवस और संविधान बचाओ, देश बचाओ दिवस का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, स्वतंत्र फेडरेशनों और संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आयोजित हुआ। स्थानीय स्तर पर इसका आयोजन एआईसीसीटीयू, झारखंड राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ और संयुक्त किसान मोर्चा, लोहरदगा ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत ऐक्टू के राज्य सचिव महेश कुमार सिंह के भाषण से हुई। उन्होंने घोषणापत्र के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की, जिसमें मजदूरों और किसानों के अनुभव, केंद्र सरकार की नीतियों और उनके परिणामों का उल्लेख किया गया। उन्होंने विभाजनकारी और साम्प्रदायिक ताकतों की नीतियों के खतरों पर भी प्रकाश डाला और संघीय ढांचे व कानून को बचाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
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मुख्य मांगें
महेश कुमार सिंह ने कार्यक्रम में मुख्य मांगों को रेखांकित किया, जिसमें शामिल हैं:
- चार लेबर कोड को रद्द करना।
- किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ।
- सस्ते दरों पर खाद, बीज और बिजली की उपलब्धता।
- घंटी आधारित नौकरियों की समाप्ति और स्थायी बहाली।
- समान काम के लिए समान वेतन।
- सभी स्कीम वर्कर्स की सेवा को नियमित करना।
- न्यूनतम 26,000 रुपये मासिक वेतन।
- पुरानी पेंशन योजना की बहाली।
- महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा।
- रेलवे यात्रा में सब्सिडी की पुनर्बहाली।
- रिक्त पदों पर बहाली और 18 महीने के लंबित डीए का भुगतान।
- निजीकरण पर रोक।
सामूहिक संकल्प
कार्यक्रम में उपस्थित मजदूरों और किसानों ने अपने कर्तव्यों को पूरा करने और लोकतंत्र व संविधान की रक्षा के लिए सामूहिक संकल्प लिया।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में मजदूर और किसान उपस्थित थे, जिन्होंने सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुटता दिखाई और अपनी मांगों के प्रति समर्थन व्यक्त किया।