दिल की बात, एक समाजसेवी की जुबां से।

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जमशेदपुर  |  झारखण्ड 

समाजसेवी विकास सिंह की दिल की बात जिसे हर किसी को जानना चाहिए। सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए आज उन्होंने अपने मन की बात कही – 

आप सभी को याद होगा आज से लगभग 3 माह पूर्व मैंने मानगों के उलीडीह में रहने शंकर रजक का वीडियो जारी किया था। तस्वीर में शंकर रजक की मां दिख रही है जिसका एक पैर कटा हुआ है शंकर रजक घर का इकलौता चिराग है दूसरे का कपड़ा धोने का कार्य मां और बेटे करते हैं कपड़े धोने के सिलसिले में दो वर्ष पूर्व शंकर रजक स्वर्णरेखा नदी में गिर गया था उसके कमर का चकरी टूट गया जिससे वह विकलांग हो गया था इलाज में लगभग 10 लाख रुपए खर्च डॉक्टरों ने बताया था। मां बेटे लाचार हो गए थे मैंने इन्हें अनेकों डॉक्टरो से दिखलाया डॉक्टरों ने बताया कि कमर में जो चकरी लगेगा वह भारत में नहीं विदेश में ही मिलेगा। 

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उनके समाज के और भाजपा के वरिष्ठ नेता मेरे मित्र विमल बैठा जी के साथ मैं इस मामले को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में पुटअप करवाया  सारे दस्तावेज भेजे गए अंततः भगवान का लाख-लाख शुक्र है कि केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय ने कमर में लगने वाला चकरी विदेश से मंगवाने का कार्य किया चकरी जमशेदपुर आ चुका है अगले सप्ताह शंकर रजक का ऑपरेशन होने की संभावना है सारी व्यवस्था हो चुकी है केवल आप सभी की दुआ की आवश्यकता पड़ेगी। मैं तहे दिल से स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के साथ-साथ विमल बैठा को भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने काफी इस मामले में मेरे साथ न केवल परिश्रम किया बल्कि दिल्ली तक जाने का कार्य किया। जब अस्पताल गया तो शंकर रजक की मां मुझे देखकर जोर-जोर से रोने लगी और कहा की जिंदगी में नहीं सोचा था कि मेरे इकलौते बेटे का ऑपरेशन हो पाएगा।

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