जमशेदपुर | झारखण्ड
कुछ बातें हजम नहीं होती। ऐसा ही एक मामला आया है जिसमें संविदा कर्मचारी की सैलरी है मात्र 12000 रुपया मासिक और उसने बना ली है करोड़ों की संपत्ति।
तस्वीर में दिख रहे घर को गौर से देखिये और बताइये ये घर किस अफसर या सेठ का होगा। आपको जानकर हैरानी होगी की यह घर न किसी अफसर का है और ना ही किसी अमीर सेठ का। घर को देखकर भी नहीं लगता की यह पुश्तैनी और ज्यादा पुराना मकान है।
इस घर का राज क्या है? आइये बताते हैं।
जब आप जानेंगे इसकी हकीकत तब आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी आप सर पर हाथ रख लेंगे कि कौन है इस घर का असली मालिक। बता दें की इस घर का मालिक केवल 12000 रुपया मासिक तनख्वाह पाता है और है अंचल कार्यालय में संविदा पर मामूली कम्प्यूटर ऑपरेटर।
आखिर कैसे एक व्यक्ति कंप्यूटर ऑपरेटर बना करोड़ों का मालिक ?
अंचल कार्यालय में संविदा पर कार्यरत, महज 12000 मासिक मानदेय पर वर्तमान में कुल संपत्ति करोड़ों के ऊपर है? अब सोचने वाली बात यह है की एक छोटी सी तनख्वाह पाने वाला 16 साल में करोड़ों की संपत्ति, कैसे सम्भव है? मामला पानी की तरह साफ है। अंचल कार्यालय में लुट खसोट की कोई सीमा नहीं है, हर कर्मचारी अपने स्तर से थैला भरने में लगा हुआ हैं, बिना चढ़ावा कोई काम नहीं होता। इसमें जनता बेचारी अब कहां जाए? जनता के सेवक जेब भर रहे हैं और जनता अपनी चप्पल घीस रही हैं। मगर किसी को क्या मतलब?
12000 के तनख्वाह पाने वाले आज क्यों ना करोड़ में खेल रहा हो। अगर संविदा में बैठे लोगों का यह हाल है तो सरकारी पद पर कार्यरत अधिकारीयों कर्मचारियों का क्या हाल होगा? अब तक जिस व्यक्ति का जिक्र किया जा रहा था उसका नाम अंशुमान सिंह उर्फ गुड्डू सिंह है, जो जमशेदपुर अंचल कार्यालय में संविदा पर कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर विगत 16 सालों से कार्यरत है।