जमशेदपुर | झारखण्ड
विदित हो की तमिलनाडु के एक मंत्री उदय निधि स्टालिन ने सनातन धर्म को समाप्त करने और इस महान धर्म की तुलना कीट मकोड़े से करके न केवल सनातन धर्म की गौरवशाली उज्जवल परंपरा को अपमानित किया है अपितु करोड़ों सनातनियों की आस्था पर चोट पहुंचाई है।ऐसे घृणित कार्य का विश्व हिन्दू परिषद् जमशेदपुर महानगर घोर निन्दा करता है।
एक मंत्री के रूप में दिया गया यह वक्तव्य असंवैधानिक है। यह संविधान की धारा 25 व 26 का स्पष्ट उल्लंघन है।
कश्मीर घाटी में सनातनियों के विरोध में ऐसी ही घृणा निर्माण करने का परिणाम हिंदुओं के नरसंहार के रूप में देखा गया है। क्या उदय निधि स्टालिन व द्रमुक सरकार तमिलनाडु में ऐसा ही हिंदू विरोधी वातावरण बनाना चाहते हैं?
तमिलनाडु हमेशा से सनातन संस्कृति का ध्वजवाहक रहा है। तमिलनाडु की धर्म प्राण जनता रामेश्वरम, माता मीनाक्षी, दुर्गा, लक्ष्मी, गणेश, मुरूगन, राम और कृष्ण की हमेशा से आराधक है। हजारों वर्ष पुराने मंदिर सनातन के प्रति तमिलनाडु की सनातन भक्ति के प्रतीक हैं ।
अलवारों,नयनमारो, वल्लुवर, अंडाल आदि महान संतों की अमर वाणी तमिलनाडु की धर्म प्राण जनता का ही नहीं करोड़ सनातनियों का चिरकाल से मार्गदर्शन करती रही है।
हिंदू धर्मादा बोर्ड के मंत्री शेखर बाबू की इस घृणास्पद कार्यक्रम में उपस्थिति इस घृणित वक्तव्य में उनकी सहमति व्यक्त करती है। हिंदुओं के मंदिरों की संपत्तियों के दुरुपयोग के आरोपों से घिरी यह सरकार उन्ही मंदिरों और उनके भक्तों को समाप्त करने का वातावरण बना रही है। इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है?
क्या उदय निधि हिंदू समाज और देश को बांटने का प्रयास करने वाली अंग्रेजी औपनिवेशिक दासता से ग्रस्त है ?उन्हें स्मरण रखना चाहिए कि सनातन को समाप्त करने का षड्यंत्र करने वाले मुस्लिम व ब्रिटिश आक्रमणकारी कभी भी सफल नहीं हो पाए। उनके मानस पुत्र भी कभी सफल नहीं हो पाएंगे।
द्रमुक के साथ किए गए राजनीतिक गठबंधन के साथियों को उदय निधि के इस घृणित वक्तव्य की कठोर निंदा कर द्रमुक को अपनी गठबंधन से निकाल देना चाहिए अन्यथा समस्त हिंदू समाज यह विश्वास करेगा कि कांग्रेस समेत सभी दल इस हिंदू विरोधी विषवमन में बराबर के सहभागी हैं।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उदय निधि के इस “हेट स्पीच” पर स्वयं संज्ञान लेते हुए कठोर कार्यवाही करनी चाहिए जिससे कोई और सनातनी हिंदुओं की आस्थाओं पर आघात करने का साहस न कर सके।