जमशेदपुर | झारखण्ड
ढाई आखर प्रेम की पदयात्रा के तीसरे दिन की यात्रा गालूडीह पंचायत भवन से प्रारंभ हुई। गालूडीह बाजार एवं अन्य चौक चौराहा पर प्रेम का संदेश अपने गीतों के माध्यम से फैलते हुए पदयात्री आगे बढ़ते रहे। गालूडीह के सुभाष चंद्र बोस चौक पर का गीत प्रस्तुत करते हुए अपने अगले पड़ाव की लक्ष्य की ओर यात्रा आगे बढ़ी। नाचते गाते चौक चौराहों पर पद यात्रियों ने संत कबीर के साथ बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, शेख भिखारी के संघर्षों याद करते हुए प्रेम का संदेश प्रसारित किया। अपने पूर्वजों के विचारों का प्रसार करते हुए पदयात्री जादूगोड़ा पहुंचे। जादूगोड़ा स्थित सिदो – कान्हू चौक पर गीत के माध्यम से प्रेम का संदेश देते हुए भाटिन गांव पहुंचा।
भाटिन गांव में पहुंचते ही लुगू मुर्मू रेजिडेंशियल स्कूल के बच्चों एवं शिक्षक अपने पारंपरिक परिधान में ढाई आखर प्रेम के पद यात्रियों का भव्य स्वागत किया। स्कूल के सभी विद्यार्थियों ने संताली परंपरा के अनुसार पद यात्रियों का स्वागत किया। इसके बाद पद यात्रियों के लिए भोजन का इंतजाम स्कूल में ही किया गया। भोजन के पश्चात स्कूल के विद्यार्थियों ने संताली शैली में नृत्य प्रस्तुत किया। इसके बाद पद यात्रियों में शामिल कलाकारों में उमेश नजीर द्वारा लिखित गीत बोल रे भाई झारखंडी प्रस्तुत किया गया। इसके बाद घाटशिला के ज्योति मलिक के नेतृत्व में संथाली गीत प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के अंत में छत्तीसगढ़ इप्टा के निसार अली के निर्देशन में ढाई आखर प्रेम नामक नाटक छत्तीसगढ़ के कलाकारों के द्वारा प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम के अंत में सुकुरमुनी मुर्मू, नोरा, लखई बास्के, कृपा शंकर, अंजना, मनोरमा स्वेता, सोलोमन, सुधीर रंजन, अहमद बद्र, पंकज श्रीवास्तव, अर्पिता, प्रेम प्रकाश, मृदुल मिश्रा, लालहा शेख ने प्रेम और श्रम का प्रतीक गमछा भेंट कर सम्मानित किया। शाम को बीजू टोप्पो के नेतृत्व में डॉक्यूमेंट्री फिल्म प्रस्तुति का आयोजन लुगू मुर्मू रेजिडेंशियल स्कूल में किया गया। बच्चों ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म प्रस्तुति का काफी मजा लिया। बच्चों के बीच कई डॉक्यूमेंट्री फिल्म प्रस्तुत किए गए। इसके बाद बीजू टोप्पो ने दर्शकों का धन्यवाद प्रेषित किया।