आदित्यपुर | झारखण्ड
सर्विस रोड की मरम्मत का कार्य नहीं होने के कारण यह हादसा हुआ। भयंकर हादसा होने से बचा लेकिन हादसे कभी बोलकर नहीं आते। डीवीसी मोड़ से लेकर टोल ब्रिज मोड़ तक 1 महीने के अंदर लगभग 10 10 दुर्घटनाएं हो चुकी है और उसमें तीन व्यक्तियों की मौत भी हो चुकी है। इन मौतों की जिम्मेवारी कौन लेगा?
बता दें की आदित्यपुर मेन रोड के दोनों बगल में नाला और फुटपाथ बनाने के लिए जगह छोड़ा गया है। जहां आये दिन दुर्घटनाएं हो रही है। जिसका कारण केवल गढ्ढा है। कभी पानी, कभी बिजली और कभी मोबाईल नेटवर्क के नाम पर लगातार सैकड़ों के किनारे गड्ढे किये जा रहे हैं। और समय पर इनको ढका भी नहीं जाता जिसकारण हादसे हो रहे हैं।
आज सुबह एक बाहरी वाहन इस गड्ढे की चपेट में आ गया और एक साइड का पूरा चक्का जमीं में धंस गया। हालाँकि अभी तक किसी को चोट की खबर नहीं आई है। फोटो में आप साफ़ देख सकते हैं की यह कितना खतरनाक है। इससे बड़ी अनहोनी कभी भी हो सकती है।
यह घटना स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली को बखूबी दर्शाता है। यह दृश्य बतला रहा है की आदित्यपुर नगर निगम के अधिकारी, इंजिनियर बैठ कर वेतन लेने में मशगूल है। क्योंकि नगर पार्षद के बारबार कहने के बावजूद उनकी अनदेखी की गयी है। जिसका हर्जाना गरीब जनता अपनी जान देकर चुका रहा है।
आदित्यपुर क्षेत्र के पार्षद अभिजीत महतो का कहना है की सभी एजेंसी को बार-बार बोलने के बाद भी प्रतिदिन टाटा कान्डा रोड जानलेवा साबित हो रही है। उनका कहना है की क्यों ना सारे एजेंसी के खिलाफ जान से मारने की नियत से गड्ढे खोदकर छोड़ देने का एफआईआर दर्ज किया जाए। स्थिति देखकर कोई भी समाजिक प्राणी यही कहेगा जो पार्षद अभिजीत महतो ने कहा है।