जामाडोबा, 16 फरवरी, 2024: टाटा स्टील के झरिया डिवीजन ने खदान सुरक्षा और दक्षता में सुधार के लिए पेस्ट फिलिंग टेक्नोलॉजी नामक एक नई तकनीक शुरू की है। यह तकनीक कोयला खदानों में खाली स्थानों को भरने के लिए उपयोग की जाती है, जो खनिकों के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर सकती है।
तकनीक के लाभ:
- सुरक्षा में वृद्धि: यह तकनीक खदानों को भरने के लिए नदी की रेत का एक पर्यावरण अनुकूल विकल्प प्रदान करती है, जो खदान ढहने के खतरे को कम करती है।
- दक्षता में वृद्धि: यह तकनीक खदानों को भरने का एक अधिक कुशल तरीका प्रदान करती है, जिससे समय और धन की बचत होती है।
- पर्यावरणीय लाभ: यह तकनीक नदी की रेत के उपयोग को कम करती है, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकती है।
उद्घाटन:
इस तकनीक का उद्घाटन 15 फरवरी, 2024 को डिगवाडीह कोलियरी, झरिया, झारखंड में डीबी सुंदरा रामम, वाईस प्रेसिडेंट, रॉ मटेरियल्स, टाटा स्टील द्वारा संजय राजोरिया, जनरल मैनेजर, झरिया डिवीजन, टाटा स्टील और डॉ. प्रशांत, सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट, सीएसआईआर-सीआईएफएमआर, धनबाद की उपस्थिति में किया गया।
विकास:
यह तकनीक टाटा स्टील, सीएसआईआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च (सीएसआईआर-सीआईएफएमआर), और आईआईटी-खड़गपुर के बीच सहयोग से विकसित की गई है।
भविष्य की संभावनाएं:
यह तकनीक भविष्य में खदान सुरक्षा और दक्षता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति:
उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित अन्य लोगों में नरेंद्र कुमार गुप्ता, चीफ (जामाडोबा ग्रुप), मयंक शेखर, चीफ (सिजुआ ग्रुप), राजेश चिंतक, चीफ एचआरबीपी (रॉ मैटेरियल्स),
डॉ वीरेंद्र सिंह, प्रिंसिपल साइंटिस्ट रिसर्च एंड डेवलपमेंट, टाटा स्टील और डॉ संतोष कुमार बेहरा, सीनियर साइंटिस्ट, सीएसआईआर- सीआईएफ एमआर, धनबाद शामिल थे।