टाटा स्टील ने नए ट्रेनी ऑनबोर्डिंग के साथ इंटरनेशनल ट्रांसजेंडर डे ऑफ़ विजिबिलिटी मनाया

वेस्ट बोकारो, 31 मार्च, 2024: टाटा स्टील ने इंटरनेशनल ट्रांसजेंडर डे ऑफ़ विजिबिलिटी के अवसर पर एसईबी कॉन्फ्रेंस हॉल में एक समारोह का आयोजन किया। इस समारोह में 14 ट्रांसजेंडरों को एचईएमएम ऑपरेटर प्रशिक्षुओं के रूप में ऑनबोर्ड किया गया। इस नए बैच के साथ वेस्ट बोकारो डिवीज़न में ट्रांसजेंडर कर्मचारियों की कुल संख्या 28 हो गई है।

टाटा स्टील खदानों में ट्रांसजेंडर कर्मचारियों को नियुक्त करने वाली भारत की पहली कंपनी है।

समारोह के मुख्य अतिथि अनुराग दीक्षित, महाप्रबंधक, वेस्ट बोकारो डिवीज़न, टाटा स्टील ने कहा: “हमें आज अपने नए ऑपरेटर प्रशिक्षुओं का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। यह एक महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि हम वेस्ट बोकारो डिवीज़न में वास्तव में एक समावेशी कार्यस्थल का निर्माण जारी रख रहे हैं। हमें विश्वास है कि हमारे नए प्रशिक्षु हमारी टीम में बहुमूल्य योगदान देंगे, और हम उन्हें सफल होने के लिए आवश्यक समर्थन और अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

राजेश चिंतक, चीफ़, एचआरबीपी, आरएम, टाटा स्टील ने कहा: “टाटा स्टील डाइवर्सिटी, इक्विटी और इंक्लूजन की दिशा में लगातार काम कर रहा है। हमने वेस्ट बोकारो से 2022 में 14 ट्रांसजेंडर के पहले बैच को डंपर ऑपरेटर के तौर पर नियुक्त किया था। उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है और पूरी माइनिंग इंडस्ट्रीज़ के लिए यह एक मिशाल है।”

टाटा स्टील का वेस्ट बोकारो डिवीज़न ट्रांसजेंडरों को अपने कार्यबल में एकीकृत करने में सबसे आगे रहा है। उन्होंने दिसंबर 2021 में अपनी खदानों में हेवी अर्थ मूविंग मशीनरी (एचईएमएम) ऑपरेटरों के रूप में 14 ट्रांसजेंडरों को शामिल करके एक ऐतिहासिक कदम उठाया था। आज का कार्यक्रम प्रशिक्षुओं के एक नए समूह का स्वागत करते हुए, इस प्रतिबद्धता को जारी रखने का प्रतीक है।

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यह पहल सिर्फ रोजगार उपलब्ध कराने से कहीं आगे तक जाती है। यह ट्रांसजेंडर समूह के लोगो को सशक्त बनाता है, उनके लिए अधिक समावेशी कार्य वातावरण को बढ़ावा देता है और टाटा स्टील के कार्यबल की विविधता के सिद्धांतों को प्रदर्शित करता है।

समारोह में राजेश पटेल, चीफ़, क्वेरी एबी, वेस्ट बोकारो डिवीज़न, बी वी सुधीर कुमार, चीफ़, सीबी, वेस्ट बोकारो डिविजन, राजेश कुमार, चीफ़, सीईपी, वेस्ट बोकारो डिविजन, मृणाल भद्रा , चीफ़, क्वेरी एसई , वेस्ट बोकारो डिवीज़न , मजहर अली, चीफ़, ई एंड पी, वेस्ट बोकारो डिविजन, टाटा स्टील, शिवशंकर, हेड, एचआरबीपी, वेस्ट बोकारो डिवीज़न सहित वरीय अधिकारी और यूनियन पदाधिकारी मौजूद थे।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:

  • टाटा स्टील में अभी करीब 120 ट्रांसजेंडर कार्यरत है।
  • टाटा स्टील डाइवर्सिटी, इक्विटी और इंक्लूजन (डीई एंड आइ) की दिशा में लगातार काम कर रहा है।
  • टाटा स्टील ने दिसंबर 2021 में अपनी खदानों में 14

टाटा स्टील, भारत की सबसे बड़ी स्टील कंपनियों में से एक, ने आज वेस्ट बोकारो डिवीजन में इंटरनेशनल ट्रांसजेंडर डे ऑफ़ विजिबिलिटी मनाया। इस अवसर पर, कंपनी ने 14 ट्रांसजेंडरों को एचईएमएम ऑपरेटर प्रशिक्षुओं के रूप में ऑनबोर्ड किया, जो कि खदानों में काम करने के लिए प्रशिक्षित किए जाएंगे।

यह पहल टाटा स्टील की डाइवर्सिटी, इक्विटी और इंक्लूजन (डीईएंडआई) नीति के तहत की गई है। कंपनी का लक्ष्य सभी कर्मचारियों के लिए एक स्वागत योग्य, सम्मानजनक और सहायक वातावरण बनाना है, चाहे उनकी लिंग पहचान या यौन रुझान कुछ भी हो।

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टाटा स्टील खदानों में ट्रांसजेंडर कर्मचारियों को नियुक्त करने वाली भारत की पहली कंपनी है। 2022 में, कंपनी ने वेस्ट बोकारो डिवीजन में 14 ट्रांसजेंडरों को डंपर ऑपरेटर के रूप में नियुक्त किया था। यह पहल बहुत सफल रही, और इन कर्मचारियों ने कंपनी के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

टाटा स्टील के वेस्ट बोकारो डिवीजन के महाप्रबंधक अनुराग दीक्षित ने कहा, “हमें आज अपने नए ऑपरेटर प्रशिक्षुओं का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। यह एक महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि हम वेस्ट बोकारो डिवीजन में वास्तव में एक समावेशी कार्यस्थल का निर्माण जारी रख रहे हैं। हमें विश्वास है कि हमारे नए प्रशिक्षु हमारी टीम में बहुमूल्य योगदान देंगे, और हम उन्हें सफल होने के लिए आवश्यक समर्थन और अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

टाटा स्टील के चीफ, एचआरबीपी, आरएम, राजेश चिंतक ने कहा, “टाटा स्टील डाइवर्सिटी, इक्विटी और इंक्लूजन की दिशा में लगातार काम कर रहा है। हमने वेस्ट बोकारो से 2022 में 14 ट्रांसजेंडर के पहले बैच को डंपर ऑपरेटर के तौर पर नियुक्त किया था, और इस दौरान उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है। यह पूरी माइनिंग इंडस्ट्रीज़ के लिए एक मिशाल है जोकि ट्रांसजेंडर के प्रति उनके खुद के और समाज के नजरिया को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”

टाटा स्टील की यह पहल ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह उन्हें सशक्त बनाता है, उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करता है, और समाज में उनकी स्वीकृति को बढ़ावा देता है।

टाटा स्टील की डीईएंडआई नीति के बारे में

टाटा स्टील की डीईएंडआई नीति का लक्ष्य सभी कर्मचारियों के लिए एक समान और समावेशी कार्यस्थल बनाना है। कंपनी विभिन्न पहलों के माध्यम से इस नीति को लागू करती है, जिनमें शामिल हैं:

  • अनकोन्सेंश पूर्वाग्रह प्रशिक्षण
  • कर्मचारी संसाधन समूह
  • समावेशी लाभ पैकेज

टाटा स्टील का मानना ​​है कि एक विविध और समावेशी कार्यबल कंपनी की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।

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