जमशेदपुर: भारतीय पत्रकार संघ ने 02-03 मार्च 2024 को शिरडी, महाराष्ट्र में आयोजित अपनी राष्ट्रीय कार्यकारी समिति (एनईसी) की बैठक में तीन मुख्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए शहीद भगत सिंह के शहीद होने के दिन 23 मार्च को मांग दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लिया था । इसी कड़ी में आज मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन जमशेदपुर डीसी के कार्यालय में शौपा गया । ये मुद्दे सरकार के पास काफी समय से लंबित हैं । सबसे पहली मांग मीडिया आयोग के गठन की है । आखिरी प्रेस आयोग की रिपोर्ट 1982 में आई थी। पिछले चार दशकों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और डिजिटल मीडिया के आगमन के साथ देश में मीडिया परिदृश्य में बड़ा बदलाव आया है। यह बदली हुई संरचना बहुत सारे प्रश्न उठाती है और एक नया मीडिया आयोग मीडिया के सभी मुद्दों के समाधान के लिए उत्तर है । दूसरा पत्रकारों और मीडिया प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए एक विशेष राष्ट्रीय क़ानून का अधिनियमन है। मीडिया को भारतीय लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है और उस लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए पत्रकारों की स्वतंत्रता सबसे महत्वपूर्ण है। लेकिन उस आज़ादी को लगातार ख़त्म किया जा रहा है।
पत्रकारों की सुरक्षा और मीडिया की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए सरकार को तुरंत एक विशेष कानून लाना चाहिए। आखिरी मांग कामकाजी पत्रकारों और गैर पत्रकारों के लिए वेतन बोर्ड के गठन की है। मजीठिया वेतन बोर्ड, आखिरी बार वर्ष 2007 में गठित किया गया था। पिछले डेढ़ दशक में मुद्रास्फीति बहुत अधिक थी और सरकारी और निजी क्षेत्र के लिए मजदूरी कर्मचारियों को दो बार संशोधित किया गया था ,लेकिन समाचार पत्र उद्योग के कर्मचारियों को असहाय छोड़ दिया गया है । ये मुद्दे बहुत महत्वपूर्ण हैं और इनका उचित समाधान हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने में काफी मददगार साबित होगा। इसलिए हम सभी राजनीतिक दलों और सांसदों तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों से अनुरोध करते हैं कि वे हमारी मांगों का समर्थन करें और उन्हें अपने एजेंडे में शामिल करें। प्रतिनिधि मंडल में मुख्य रूप से झारखंड राज्य के सह संयोजक प्रमोद कुमार झा , विनय कुमार उपाध्याय , नागेन्द्र शर्मा, मनोज शर्मा एवम नागेन्द्र कुमार शामिल थे।