झारखंड
झारखंड में 17 दिनों से बंद है सैनिकों की लिकर कैंटीन, पूर्व सैनिकों में गहरा असंतोष

जमशेदपुर | 17 अप्रैल 2025: पूरे झारखंड में विगत 17 दिनों से सेना की लिकर कैंटीन बंद होने के कारण सैनिक और पूर्व सैनिक भारी असुविधा का सामना कर रहे हैं। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी झारखंड में स्थित सेना की यूनिटों द्वारा लाइसेंस एवं वैट छूट के लिए संबंधित पत्र 31 मार्च के पहले ही एक्साइज विभाग को भेज दिए गए थे।
जहां कैंटीन का लाइसेंस रिन्यूअल हो चुका है, वहीं वेट (VAT) में छूट से संबंधित पत्र पर अब तक हस्ताक्षर नहीं होने के कारण लिकर की आपूर्ति पूरी तरह से रुकी हुई है। इसका सीधा असर राज्य के सैकड़ों सैनिकों और हजारों पूर्व सैनिकों पर पड़ रहा है, जो इस सुविधा से वंचित हैं।
पूर्व सैनिकों की आकस्मिक बैठक
इस विषय को लेकर पूर्व सैनिक सेवा परिषद, पूर्वी सिंहभूम द्वारा एक आकस्मिक बैठक गांधी घाट, मानगो स्थित पार्क में आयोजित की गई। बैठक में उपस्थित पूर्व सैनिकों ने अपने आक्रोश और असंतोष को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह कोई नई प्रक्रिया नहीं है — यह परंपरा वर्षों से देश भर में चल रही है, लेकिन झारखंड में हर साल इसी तरह की देरी सैनिकों को अनावश्यक परेशानी में डालती है।
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सभी पूर्व सैनिकों ने एकजुट होकर झारखंड राज्य उत्पाद विभाग (Excise Department) के वरिष्ठ अधिकारियों से मांग की कि वे लंबित वैट छूट पत्र पर तत्काल हस्ताक्षर कराएं, ताकि कैंटीन व्यवस्था जल्द बहाल हो सके।
सैनिकों की नाराज़गी
पूर्व सैनिकों का कहना है कि यह केवल लिकर की बात नहीं है, बल्कि सम्मान और सुविधा का मामला है, जो देश सेवा करने वालों के हक में आता है। ऐसी स्थिति में सरकार और प्रशासन को संवेदनशील रवैया अपनाते हुए शीघ्र निर्णय लेना चाहिए।
बैठक में उपस्थित प्रमुख पूर्व सैनिक:
- सुशील कुमार सिंह
- दिनेश सिंह
- अभय सिंह
- राजीव रंजन
- सतनाम सिंह
- अशोक श्रीवास्तव
- हरेंदु शर्मा
- उपेंद्र प्रसाद सिंह
- बृज किशोर सिंह
- अनिल झा
- नरेंद्र कुमार
- राजेश कुमार
- विजय त्रिपाठी
- देवेंद्र कुमार
…सहित कई अन्य पूर्व सैनिक उपस्थित थे।