झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्राओं को सुरक्षा देने में सरकार फेल – आइसा।

रांची: झारखंड के अल्बर्ट एक्का चौक पर आइसा- ऐपवा के नेतृत्व में सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड में छात्रा के साथ छेड़छाड़ हुई जो बी.एड. इंटीग्रेटेड की छात्रा HARSHITA ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है। HARSHITA के अनुसार, उनके साथ बलात्कार और यौन उत्पीड़न का प्रयास किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि चार अज्ञात युवकों ने उनका फोन छीन लिया, उनका पीछा किया और घटना को रिकॉर्ड करने की कोशिश की।

छात्रा ने बताया की जब वो दोपहर को लंच के समय यूनिवर्सिटी से खाना खाने जा रही थी तब चार अज्ञात लोग HARSITA को बहुत गंदी गंदी बातें बोला, मेरी हाथों को जबरन खींचते है ,और कहते है आज बाइक से आए है कल कार से आएंगे “ये लोग नियमित रूप से मुझे और मेरी दोस्तों का पीछा करते थे।

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इस घटना के बाद मुझे लगने लगा है कि हम न केवल परिसर के बाहर, बल्कि अंदर भी असुरक्षित हैं।” और जब छात्रा यूनिवर्सिटी के डीन और HOD से बात करने और मिलने जाती है ,तो उनका कहना है कि ये कैंपस के बाहर का मामला है इसपर हमलोग कुछ नहीं कर सकते है और ये भी कहना है कि लड़की को (HARSITA) को ग्रुप में या साथ में दो- तीन लड़कियों को लेकर जाना चाहिए था।

छात्रा ने FIR भी लॉज किया है मगर अब तक कोई भी एक्शन नहीं लिया गया है छात्रा को FIR की रिसीविंग की पुष्टि अब तक नहीं हुई है,पूरे 24 घंटे होने के बावजूद अब तक दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। यह बहुत ही निंदनीय घटना है जो लगातार हो रही है।

छात्र संगठन को जैसे ही घटना की जानकारी मिलती है घटना को गंभीरता से लेते हुए तुरंत ही आइसा के टीम सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड रांची पहुंचती है और पीड़िता से मिलकर मजबूत घटना की जानकारी लेती है। पीड़िता को न्याय मिले इसके लिए आइसा के मजबूत खड़ा रहती है।

आरोपी ABVP से जुड़ा हुआ है, ABVP लड़के के पक्ष में खड़ा होकर प्रदर्शन को बाधा पहुंचने की पूरी कोशिश कर रहा। आइसा और ऐपवा मांग करती है कि, दोषियों को कड़ी से सजा सुनाई जाए तथा कैंपस के अंदर और बाहर सुरक्षा की गारंटी करे। कैंपस के अंदर और बाहर सीसीटीवी कैमरा लगाया जाए। विश्वविद्यालय में GASCASH का निर्माण करें।

कार्यक्रम में बरसी देवी, मंजू देवी, मंगल दानी, गीता तिर्की, सुषमा लकड़ा, आईटी तिर्की, शांति सेन, मेवा लकड़ा, नीलिमा कश्यप, नंदिता भट्टाचार्य, समर सिंह, अभय साहू, भीम साहू, मोहन दत्त, सुवेंदु सेन उपस्थित थे। आइसा से संजना मेहता, नौरीन अख्तर, खुशनुमा परवीन, महविश शमीम, सृष्टि भट्टाचार्य, सोनाली केवट, मोहम्मद सम्मी, छुटुराम महतो, सत्यप्रकाश कुमार, सोनू मसीहा और अन्य।

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