झारखंड आदिवासी महोत्सव 2023 में दिखाई गई स्थानीय भाषाओं की फिल्में। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित स्थानीय भाषाओं की फिल्मकारों की फिल्मों का किया गया प्रदर्शन।

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जमशेदपुर  ।  झारखण्ड 

झारखंड आदिवासी महोत्सव 2023 में दिखाई गई स्थानीय भाषाओं की फिल्में

झारखंड फिल्म फेस्टिवल को लेकर झारखंडवासियों ने खासा उत्साह दिखा। झारखंड आदिवासी महोत्सव 2023 में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित स्थानीय भाषाओं की फिल्मकारों की फिल्में दिखाई गई।

आज महोत्सव में रंजीत उरांव की फिल्म पेनल्टी कॉर्नर, सेराल मुर्मू की फिल्म रवाह, दीपक बेसरा की फिल्म मोहोत, निरंजन कुजूर की फिल्म पहाड़ा, अनिल सिकदार की फिल्म झारखंड कर छैला, रामकृष्ण सोरेन की फिल्म एपिल,प्रबल महतो की संथाली फिल्म बारडू जैसी बेहतरीन फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।

प्रबल महतो की संथाली फिल्म बारडू झारखंड के परिपेक्ष्य में ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं की कहानी है।

रंजीत उरांव की फिल्म पेनल्टी कॉर्नर एक पिता के संघर्ष की कहानी है। एक पिता अपनी बेटी को हॉकी स्टिक दिलाने के लिए कितनी मुश्किलों का सामना करता है।

वहीं सेराल मुर्मू की फिल्म रवाह प्रशासन और नक्सलवाद के बीच जूझ रहे ग्रामीणों की कहानी है,जो उनकी जिंदगी के बारे में बताता है कि कैसे उनकी जिंदगी में बदलाव आते हैं।

निरंजन कुजूर की पहाड़ा फिल्म ग्रीन हंट के दौरान एक बच्चे की कहानी है जिसे 13 का पहाड़ा याद करने के कितनी मशक्कत करनी पड़ती है।

दीपक बेसरा की फिल्म मोहोत आज के परिपेक्ष्य में एक व्यक्ति के संघर्ष की कहानी है कि कैसे एक रेडियो जीतने के लिए वो कठिन परिश्रम करता है और अपने पोते को परिश्रम का महत्व समझाता है।

इसके अलावा एडपा काना, दहर, लाको बोहरा,मुंडारी सृष्टि कथा, बंधा खेत जैसी फिल्में भी दिखाई गई।

फिल्मकारों की डिमांड पर कुछ फिल्में कल भी ट्राई में दिखाई जाएंगी।

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