जमशेदपुर | झारखण्ड
18 जुलाई शहीद दिवस भारत के इतिहास का एक ऐतिहासिक दिन है।
दिनांक 18 जुलाई शहीद दिवस भारत के इतिहास का एक ऐतिहासिक दिन …पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आज 18 जुलाई शहीद दिवस साकची स्थित बसंत टॉकीज गोल चक्कर (शहीद गोलचक्कर) परिसर में जेपी युवा छात्र संघर्ष मोर्चा एवं शहीद स्मारक निर्माण समिति, जमशेदपुर के बैनर तले तीन क्रांतिकारी छात्रों का शहादत दिवस मनाया गया। सन 74 के संपूर्ण क्रांति छात्र आंदोलन के दौरान लोह नगरी जमशेदपुर के तीन क्रांतिकारी छात्र प्रणब मुखर्जी, राजीव रंजन एवं मोहम्मद मुसीम पुलिस की गोली से शहीद हुए थे।
18 जुलाई को साकची स्थित सिनेमा गोल चक्कर शहीद चौक पर तब से लेकर अब तक हर वर्ष शहीद दिवस मनाते आ रहे है। आज शहीद स्मारक निर्माण समिति, जमशेदपुर एवं जेपी युवा छात्र संघर्ष मोर्चा के संयुक्त बैनर तले संगठन के संयोजक स अध्यक्ष संजीव आचार्य के अध्यक्षता में तीन क्रांतिकारी छात्रों को शहादत दिवस मनाया गया।
सर्वप्रथम सुबह 10:00 बजे से जमशेदपुर के विभिन्न जगह से छात्र, युवाओ, महिलाओं एवं बुजुर्गों की टोली शहीद स्थल पर एकत्रित हुए ..”जब तक सूरज चांद रहेगा, “शहीद तेरा नाम रहेगा। “जयप्रकाश नारायण अमर रहे” अमर शहीद अमर रहे” के नारों से श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। शहीद स्थल पर जयप्रकाश नारायण एवं शहीद छात्रों के नारों से शहीद स्थल गूंजता रहा… तत्पश्चात शहीद स्थल पर शहीद छात्रों की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया। आज के इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित जेपी आंदोलनकारी पूर्व छात्र नेता श्री संतोष अग्रवाल, श्री सुरेश दत्त पांडे, श्री वशिष्ठ नारायण तिवारी उर्फ बड़कू भैया, श्री योगेश शर्मा, श्री दिनेश मंडल, श्री सत्यनारायण गॉड उपस्थित होकर शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित किए! संगठन के तरफ से मोर्चा के संयोजक स अध्यक्ष संजीव आचार्य ने उपस्थित सभी जेपी आंदोलनकारियों एवं महिलाओं को अंग वस्त्र देकर फूल माला पहनाकर सम्मानित किया, तत्पश्चात शहीद दिवस को संबोधित करते हुए जेपी आंदोलन का पूर्व छात्र नेता श्री संतोष अग्रवाल ने कहा कि जेपी का सपना आज भी अधूरा है। तत्कालीन छात्र नेता व्यवस्था परिवर्तन के बदले अभी सत्ता सुख के सुख सुविधा भोग रहे हैं। आने वाला साल 2024 जेपी आंदोलन का और शहीद दिवस का 50 वर्ष पूरा होने वाला है, अगले वर्ष तक किसी भी कीमत में शहीद स्मारक जरूर बनेगा।
सभा को आगे संबोधित कर जेपी आंदोलनकारी सुरेश दत्त पांडे ने कहा कि टाटा कंपनी, जनप्रतिनिधि की उदासीनता एवं जिला प्रशासन की मिलीभगत के कारण आज तक शहीद स्मारक नहीं बन पाया। सभा को आगे संबोधित कर जेपी आंदोलनकारी वशिष्ठ नारायण तिवारी एवं योगेश शर्मा ने संयुक्त रूप से कहा कि इसी आंदोलन से निकले सत्ता के शिखर तक पहुंचने वाले नेताओं के पास शहीद दिवस के दिन, शहीदों के लिए 2 मिनट का समय नहीं है , कि आज शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित करने आए, शहीद स्थल पर जमशेदपुर की आम जनमानस की भावना जुड़ी हुई है, शहीद स्मारक नहीं बन पाना काफी दुखद है, परंतु हम सभी प्रयास कर आने वाले दिनों में जरूर शहीद स्मारक शहीद स्थल पर बनाएंगे चाहिए इसके लिए किसी भी हद तक जाना पड़े हम सब तैयार हैं। सभा को आगे संबोधित कर जेपी आंदोलनकारी दिनेश मंडल एवं सत्यनारायण गॉड ने कहा कि जयप्रकाश नारायण जी व्यक्ति नहीं एक विचार थे जो आज भी प्रासंगिक है।
सभा को आगे संबोधित कर संगठन के अध्यक्ष श्री संजीव आचार्य ने कहा कि आज भी पूरे देश में जयप्रकाश नारायण जैसे नेतृत्व की आवश्यकता है। शहीद छात्रों का शहादत बेकार जाने नहीं देंगे। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की हिटलर शाही, निरंकुश एवं दिशा विहीन शासन के विरुद्ध प्रकाश जी ने संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था। यह आंदोलन सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं व्यवस्था परिवर्तन के लिए था। शहीदों की सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब उनके अधूरे कार्य को आज के छात्र नौजवान पूरा करेंगे। संजीव आचार्य ने आगे कहा कि जयप्रकाश जी का व्यवस्था परिवर्तन का सपना आज भी अधूरा है।
अगले वर्ष शहीद दिवस का 50 वर्ष पूरा होने वाला है हम लोग पूरे जमशेदपुर में हस्ताक्षर जन जागरण अभियान चलाकर कई छात्रों के इतिहास के बारे में बताएं जनसमूह एकत्रित कर आगामी जयप्रकाश जी के जयंती में शाहिद स्मारक बनाने की पुरजोर कोशिश करेंगे इसके लिए किसी भी हद तक जाना पड़े हम सब छात्र,नौजवान, महिलाएं तैयार हैं।
आज के इस कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन छात्र नेता सुखविंदर सिंह ने किया। आज के इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित श्रीमती डी मनी, श्रीमती पिंकी विश्वास, श्रीमती आभा वर्मा, श्रीमती पुतुल सिंह, श्रीमती सरिता सिंह, श्रीमती निमि सिंह, श्रीमती रेनू सिंह, श्रीमती अनुराधा गोंडल, श्रीमती मामूनी दास, श्रीमती सीता झा, श्रीमती रीता लोहार, श्रीमती गौरी देवी , श्रीमती चंदना रानी, श्रीमती पूनम देवी, श्रीमती मीना देवी, श्रीमती वर्षा झा, श्रीमती जयंती जसवाल, श्रीमती पूजा सिंह, श्रीमती नीतू कुमारी, श्रीमती अंजना सिंह, मनदीप सिंह, हरमन सिंह, के निशान, आलोक रंजन, सुखविंदर सिंह, अभिषेक शर्मा, शिव कुमार यादव, अमन खान, कन्हैया पांडे, दीपक पांडे, राजकुमार झा महावीर साहू प्रसनजीत कुमार मनदीप सिंह हिमांशु सिंह सुमित झा आशीष कुमार, आशीष पात्रो, सौरभ चटर्जी, भागवत मुखर्जी, निलेश कुमार, सुशांत कुमार, सुजल चंद्रा, राहुल दत्ता, सिद्धार्थ कुमार, करण कुमार, प्रसनजीत सिंह, अभिषेक सिंह, यस सिंह, मुकेश सिंह, महाराजा सिंह, रिंकू सिंह, अनिकेत बोरकर , पियूष शाह, जसप्रीत सिंह, हरजीत सिंह, रविंद्र सिंह, जोगिंदर सिंह, सैफ खान, खालिद खान, हुसैन खान, मोहम्मद रजा, विक्की खान, सरफराज हुसैन, शाहिद, बबलू खान, छोटू, सदाकत खान, सफीक, तुषार सेन, संदीप शर्मा , आनंद सिंह, सुशांत कुमार, मुकेश सिंह, सौरव, चटर्जी, आनंद श्रीवास्तव, स्वपन राय, सुप्री साह, नीलू सिंह, अजय माझी, राजेश गोप, तपन प्रधान, अमन सिंह रंजीत कुमार आनंद राजपूत सहित संगठन के कई सदस्य एवं पदाधिकारी उपस्थित थे। श्रद्धांजलि सभा के अंत में संजीव आचार्य के नेतृत्व में उपस्थित सभी पदाधिकारियों सदस्यों के द्वारा राष्ट्रगान गाकर श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम समापन हुआ तत्पश्चात सभी अपने अपने घर के लिए रवाना हुए।