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झारखंड

जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक संपन्न

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THE NEWS FRAME
  • जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित हुई जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक
  • जनशिकायत से जुड़े आवेदनों का समयबद्ध निष्पादन करें
  • धान अधिप्राप्ति के लिए किसानों को जागरूक करें, निबंधन बढ़ायें 

जमशेदपुर : समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आहूत की गई। परियोजना निदेशक आईटीडीए श्री दीपाकंर चौधरी, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर श्री अनिकेत सचान, एसडीएम धालभूम श्रीमती शताब्दी मजूमदार, सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल, एडीसी श्री भगीरथ प्रसाद, निदेशक एनईपी श्री संतोष गर्ग, एसडीएम घाटशिला समेत अन्य सभी विभागीय पदाधिकारी, प्रखंडों के पदाधिकारी बैठक में शामिल हुए। विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में विभिन्न विभागों के बीच समन्वय पर बल देते हुए पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि निर्धारित समयावधि में योजनायें पूर्ण हों इसे सुनिश्चित करायें। विभागीय समन्वय के अभाव में कोई भी योजना प्रभावित न हो तथा जनआकांक्षाओं के अनुरूप लोग लाभान्वित हो सकें यह सुनिश्चित करें।

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त द्वारा हाईकोर्ट में लंबित मुकदमों की समीक्षा में सभी संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि कोर्ट में लंबित वादों का समय पर काउंटर एफिडेविट फाइल करें तथा शपथ दायर करते हुए उसकी प्रति विधि शाखा को उपलब्ध करायें । राजस्व कोर्ट के लंबित मुकदमों में म्यूटेशन, जेपीएलई, एचआरसी आदि के मामलों की समीक्षा की गई। वहीं सर्टिफिकेट केस में नोटिस भेजे जाने, विज्ञापन निकालते हुए कार्रवाई आगे बढ़ाने, कुर्की जब्ती का निदेश दिया गया। उन्होने स्पष्ट किया कि केस क्लोज करने की दिशा में कार्रवाई हो। सर्टिफिकेट केस मामले में प्रतिमाह कम से कम 2 करोड़ रू. की वसूली का लक्ष्य दिया गया।

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भूमि अधियाचना की समीक्षा में विभिन्न विभागों/कार्यालयों एवं विकास योजनाओं के लिए भूमि आवंटन को लेकर चर्चा की गई जिनमें मुख्यत: चाकुलिया नगर पंचायत क्षेत्र में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण, ट्राइबल म्यूजियम, साइंस सेंटर, विधि विज्ञान प्रयोगशाला आदि के निर्माण के लिए भूमि चिन्हित करने हेतु आवेदनों पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया। इसके अलावे हेल्थ सब सेंटर एवं आंगनबाड़ी केन्द्र निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध कराने के संदर्भ में उपायुक्त ने निर्देशित किया कि जमीन उपलब्ध कराने के समय यह सुनिश्चित करें कि जमीन पोषक क्षेत्र में ही हो ताकि लोगों को सुगमता से सेवा मिल सके । जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त द्वारा सभी विभागीय पदाधिकारी को स्पष्ट निदेश दिया गया कि विकास योजनाओं के लिए भूमि अधियाचना का आवेदन अंचल में नहीं करते हुए सीधा अपर उपायुक्त कार्यालय या उपायुक्त कार्यालय में जमा करें।

धान अधिप्राप्ति योजना के तहत जिला में अबतक 23 हजार किसानों ने निबंधन कराया है, सभी प्रखंडों को किसानों के बीच इस संबंध में जागरूकता लाते हुए लैंपस में ही धान बिक्री करने के लिए प्रेरित करने की बात कही गई। पी.एम कुसम योजना के लिए सुयोग्य लाभुकों की सूची समर्पित करने का निदेश सभी बीडीओ को दिया गया । पशुपालन विभाग के लिए सभी पंचायत भवनों में ए.आई (कृत्रिम गर्भाधान) केन्द्र हेतु एक रूम आवंटित किए जाने, पशुधन विकास योजना के तहत दिव्यांगों को 90 फीसदी अनुदान पर पशुधन उपलब्ध कराया जाता है, इसके तहत ज्यादा से ज्यादा आवेदन प्राप्त करने, सामाजिक सुरक्षा विभाग के अंतर्गत परिवार हित लाभ जिसमें परिवार के कमाऊ व्यक्ति की मृत्यु पर उनके आश्रितों को सहायता राशि मिलती है, इसके लिए आवेदन जमा लेने का निदेश सभी प्रखंडों को दिया गया।

बैठक में जाहेरस्थान निर्माण योजना, घेराबंदी, आदिवासी कला केन्द्र निर्माण की भी समीक्षा कर अपेक्षित प्रगति लाने का निदेश दिया गया। सी.पी ग्राम के लंबित मामलों को तीन के अंदर निष्पादन का निदेश दिया गया । साथ ही शत प्रतिशत सिद्धो कान्हू युवा खेल क्लब का निबंधन, जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों में बिजली नहीं है उनके सेविका/सहायिका द्वारा ऑनलाइन अप्लाई कराने तथा दुर्गम क्षेत्रों के 4 विद्यालय में पेयजल एवं 10 विद्यालयों में बिजली की समस्या है, इसपर त्वरित कार्रवाई का निदेश संबंधित कार्यपालक अभियंता को दिया गया। 309 आंगनबाड़ी केन्द्र में चापाकल अधिष्ठापन के लिए बीडीओ/सीडीपीओ को आपसी समन्वय बनाते हुए अग्रेत्तर कार्रवाई हेतु निर्देशित किया गया।

बैठक में तकनीकी विभागों द्वारा विभिन्न विभागों के बीच योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं को भी रखा गया जिसका मौके पर ही समाधान भी निकाला गया। उपायुक्त द्वारा सभी तकनीकी विभागों को स्पष्ट निदेश दिया गया कि आधारभूत संरचना निर्माण के क्रम में गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित करायें कि संस्थाओं के संचालन में जरूरी बुनियादी सुविधायें जैसे बिजली, पेयजल, शौचालय, पहुंच पथ आदि की उपलब्धता रहे इसके लिए डीपीआर में प्रावधान रहे और संबंधित विभाग के साथ समन्वय बनाकर तय समय में हैंडओवर करें।

आयुष्मान फंड से सरकारी अस्पतालों में लें विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा, मरीजों को रेफर नहीं करें

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने कहा कि सदर अस्पताल, सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, स्वास्थ्य उप केन्द्रों में आयुष्मान योजना के तहत इलाज किए जाने पर अस्पताल प्रबंधन को एक तय राशि मिलती है । इस राशि में 75 फीसदी राशि का उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने में लगाया जा सकता है । उन्होने कहा कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों से निजी चिकित्सकों को सूचीबद्ध करें तथा उनकी जरूरतों के मुताबिक आर्जित आयुष्मान फंड से मशीनी उपकरणों की खरीदारी करें। उन्होने कहा कि अधिकतम सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा मिल सके, इस दिशा में पहल करें । इससे मरीजों को रेफर भी नहीं करना पड़ेगा तथा आयुष्मान योजना से अतिरिक्त राशि भी स्वास्थ्य केन्द्रों को प्राप्त होगा । सभी बीडीओ को इस संबंध में एमओआईसी के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने का निदेश दिया गया जिससे प्रखंडों में स्वास्थ्य सेवायें और सुदृढ़ हो सके । सभी हेल्थ सब सेंटर में एक सप्ताह के अंदर जनआरोग्य समिति के गठन का भी निदेश दिया गया ।

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