जमशेदपुर : जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी की एनसीसी कैडेट्स चांदमणि प्रधान एवं हेमंती पातर का चयन इस वर्ष 26 जनवरी को नई दिल्ली के राजपथ पर आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस परेड के लिए हुआ है। यह न केवल जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के साथ झारखंड राज्य के लिए एक ऐतिहासिक एवं गौरवशाली क्षण है।
गणतंत्र दिवस परेड देश की सबसे प्रतिष्ठित परेड है, जिसमें शामिल होना हर एनसीसी कैडेट का सपना होता है। इन्होंने कठिन प्रशिक्षण और अपने अनुशासन के बल पर यह स्थान प्राप्त किया है।इस संदर्भ में माननीय कुलपति प्रो०(डॉ० अंजिला) गुप्ता ने दोनों कैडेट्स छात्राओं को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि चांदमणि प्रधान एवं हेमंती पातर ने अपने परिवार तथा विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है, इनकी इस सफलता से पूरा विश्वविद्यालय परिवार गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
उनका चयन यह दर्शाता है कि समर्पण और मेहनत से हर सपना साकार किया जा सकता है। यह उपलब्धि विश्वविद्यालय के एनसीसी विभाग की गुणवत्ता और प्रशिक्षण के उच्च स्तर को दर्शाती है।
इस अवसर पर एनसीसी केयर टेकर ऑफिसर सुश्री प्रीति ने प्रसत्रता व्यक्त करते हुए कहा कि इन दोनों एनसीसी कैडेट्स की सफलता के पीछे उनकी कड़ी मेहनत, अनुशासन और लगन का परिणाम है। उन्होंने यह साबित किया है कि जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी की छात्राएँ किसी भी चुनौती को स्वीकार करने और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सक्षम हैं।
Read More : नवोदित कहानीकारों और कवियों को मिला मंच, श्रेन्या सोनी की पहल पर Poets Of Jamshedpur की हुई लाॅन्चिंग
उनकी यह उपलब्धि अन्य छात्राओं के लिए प्रेरणा बनेगी। गणतंत्र दिवस परेड के लिए चयन की प्रक्रिया अत्यंत चुनौतीपूर्ण होती है। इसमें कई चरणों की कठिन परीक्षाएँ, शारीरिक दक्षता, परेड कौशल और अनुशासन का आकलन किया जाता है। इन्होंने इस चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया को सफलतापूर्वक सम्पूर्ण किया है।
दोनों एनसीसी कैडेट्स ने अपनी सफलता का श्रेय अपने प्रशिक्षकों, विश्वविद्यालय प्रशासन और परिवार को दिया। उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है। राजपथ पर परेड करना देशभक्ति की भावना से भर देता है। इस उपलब्धि की खबर मिलते ही विश्वविद्यालय परिसर में हर्ष का माहौल है। विश्वविद्यालय के सभी जनों ने इन्हें शुभकामनाएँ दीं।
एनसीसी विभाग ने इस उपलब्धि को विश्वविद्यालय के इतिहास में मील का पत्थर है। इनका चयन न केवल एनसीसी के मूल सिद्धांतों को सशक्त करता है, बल्कि विश्वविद्यालय के अन्य छात्राओं को भी प्रेरित करता है कि कड़ी मेहनत और समर्पण से हर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।