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जमशेदपुर लोकसभा 2024 चुनाव में बसपा ने प्रणव को उतारा

जमशेदपुर: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने लोकसभा चुनाव-2024 के लिये झारखंड के प्रत्याशियों की तृतीय सूची जारी करते हुए जमशेदपुर संसदीय सीट के लिये बिरसानगर निवासी प्रणव महतो को चुनावी मैदान में उतारने की घोषणा की.
पार्टी के प्रदेश प्रभारी राजन मेहता के हस्ताक्षरित उक्त सूची में और भी चार लोस सीट के लिये प्रत्याशियों के नाम है. इसमें चतरा के लिये नागमणि, कोडरमा के लिये सीटन रविदास तथा हजारीबाग के लिये मोइनुद्दीन अहमद को टिकट दिया गया है.
श्री महतो इसके पूर्व युवा तृणमूल कांग्रेस में प्रदेश सचिव थे. वर्ष 2003 से वे राजनीति में सक्रिय हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा से राजनीतिक सफर शुरु करनेवाले प्रणव महतो ने कई राजनीतिक आंदोलन के साथ-साथ कुड़मी समाज के लिये कई मांगों पर भी आंदोलन कर चुके हैं. प्रणव ने बताया कि अपने समर्थकों के साथ वे विचार विमर्श कर रहे हैं, संभवत: 4 या 6 मई को वे नामांकन कर सकते हैं.
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“यदि आदिवासी समाज जागरूक नहीं हुआ, तो झामुमो मुस्लिम तुष्टिकरण के नाम पर उनकी पहचान, विरासत और संस्कृति को खत्म कर देगा,” – रघुवर दास

- पूर्व राज्यपाल एवं झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस को घेरा
जमशेदपुर, 3 अप्रैल 2025: पूर्व राज्यपाल और झारखंड के मुख्यमंत्री माननीय रघुवर दास ने आज एग्रिको स्थित अपने आवासीय कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस दौरान उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि ये दोनों दल वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक के विरोध में खड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है, लेकिन झामुमो ने इसका विरोध करते हुए इसके खिलाफ मतदान किया।
रघुवर दास ने कहा कि वक़्फ़ संशोधन बिल में झारखंड के संदर्भ में कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। इस संशोधन के कानून बनने के बाद आदिवासी क्षेत्रों में अनुसूची 5 एवं अनुसूची 6 के तहत वक़्फ़ संपत्ति घोषित नहीं की जा सकेगी। उन्होंने इसे आदिवासी समुदाय की मूल संस्कृति और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया।
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झामुमो पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप
रघुवर दास ने झामुमो पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के संपर्क में आने के बाद झामुमो पूरी तरह तुष्टिकरण की राजनीति के जाल में फंस चुका है। उन्होंने कहा कि झामुमो आदिवासियों के हितों की रक्षा करने वाले दल के रूप में अपनी छवि पेश करता रहा है, लेकिन वक़्फ़ संशोधन विधेयक का विरोध कर उसने अपनी असली मानसिकता उजागर कर दी है।
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने इस विधेयक में आदिवासियों की जमीन और उनके हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की, लेकिन झामुमो के सांसदों ने इसके खिलाफ मतदान कर दिया,” रघुवर दास ने कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए झामुमो आदिवासियों के हितों के खिलाफ जा रहा है और यह राज्य के आदिवासी समाज को समझना चाहिए।
आदिवासी संस्कृति और विरासत के संरक्षण की मांग
उन्होंने यह भी कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में कब्रिस्तान, मजार, मकबरा, मस्जिद और दरगाहों का विस्तार आदिवासियों की मूल संस्कृति के विपरीत है। संविधान की अनुसूची 5 के तहत राष्ट्रपति द्वारा घोषित आदिवासी क्षेत्रों में वक़्फ़ संपत्ति का हस्तक्षेप संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
“झारखंड में बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन कराकर जमीन हड़पने और उसे वक़्फ़ घोषित करने की कोशिशों पर यह नया बिल रोक लगाएगा,” उन्होंने कहा। उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार पर आरोप लगाया कि वह मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है, जिसका नतीजा रांची के पिठोरिया थाना क्षेत्र में सरहुल पूजा की शोभायात्रा के दौरान पाहन पर हुए हमले के रूप में सामने आया है।
आदिवासी समाज को जागरूक होने की अपील
रघुवर दास ने झारखंड के आदिवासियों से अपील की कि वे झामुमो की राजनीति को समझें और अपनी पहचान, संस्कृति और विरासत की रक्षा करें। उन्होंने कहा कि झामुमो को इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि क्या वह आदिवासी क्षेत्र की जमीन को वक़्फ़ घोषित करना चाहता है।
संपर्क सूत्र:
पता: L6/68, मेन रोड एग्रिको, जमशेदपुर – 831009
फोन: 0651-2444714
ईमेल: raghubardas1101@gmail.com
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सिंहभूम सीट से 1957 के सांसद शंभु चरण गोडसोरा: “सांसद बनना बेकार, टाटा की नौकरी ही अच्छी थी”

सिंहभूम : सांसद बनने की तमन्ना आज हर किसी के दिल में होती है। इसके लिए लोग पूरी ताकत झोंक देते हैं। लेकिन भारतीय राजनीति में ऐसे उदाहरण भी हैं, जब सांसद या मंत्री बनने के बाद लोगों ने इस पद से मोह नहीं रखा। 1984 में अमिताभ बच्चन का राजनीति में आना और फिर उसे अलविदा कह देना एक प्रसिद्ध उदाहरण है। लेकिन झारखंड के सिंहभूम से 1957 में चुने गए सांसद शंभु चरण गोडसोरा की कहानी अनोखी और प्रेरक है।
जयपाल सिंह की नजरों में गोडसोरा की अहमियत
1957 के लोकसभा चुनाव में झारखंड पार्टी के नेता जयपाल सिंह ने शंभु चरण गोडसोरा को सिंहभूम सीट से पार्टी का प्रत्याशी बनाया। शंभु चरण का जन्म 1926 में जमशेदपुर में हुआ था। वे मुसाबनी के पास के एक गांव के निवासी थे। टाटा कंपनी में नौकरी करने के साथ-साथ वे मजदूर यूनियन और आदिवासी सभा के सरायकेला क्षेत्र के पहले सचिव भी थे। जयपाल सिंह उनकी नेतृत्व क्षमता और समाज में प्रभाव को समझते थे। यही कारण था कि उन्होंने शंभु चरण को टिकट दिया।
चुनाव में शंभु चरण ने सिद्दयू हेंब्रम को हराकर शानदार जीत दर्ज की और सांसद बने।
सांसद बनने के बाद की कठिनाई
शंभु चरण गोडसोरा ने कहा था, “चुनाव जीतने के बाद जब मैं संसद पहुंचा, तो शुरुआत में मुझे वहां मन नहीं लगा। संसद में अधिकांश लोग अंग्रेजी में बात करते थे और बहस करते थे। मुझे राजनीति का अनुभव नहीं था, और यह सब मेरे लिए बिल्कुल नया था। मैं खुद को वहां अनफिट महसूस करने लगा।”
उन्होंने अपने नेता जयपाल सिंह से कहा, “आपने मुझे कहां फंसा दिया। मेरा मन यहां नहीं लग रहा। इससे बेहतर तो टाटा की नौकरी थी। मैं इस्तीफा देकर नौकरी पर लौट जाना चाहता हूं।”
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जयपाल सिंह की सलाह और गोडसोरा का बदलता नजरिया
जयपाल सिंह ने गोडसोरा को समझाते हुए कहा, “घबराओ मत। संसद के नियमों को पढ़ो और सभी के साथ बहस करो। धीरे-धीरे सब कुछ समझ आ जाएगा। किसी भी हाल में इस्तीफा मत दो।”
जयपाल सिंह की सलाह मानकर शंभु चरण ने संसद के नियमों का अध्ययन शुरू किया। धीरे-धीरे उन्हें समझ में आने लगा कि राजनीति का उद्देश्य क्या है। इसके बाद उन्होंने संसद में जनता से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए और सक्रिय सांसद के रूप में पहचान बनाई।
राजनीति से वापसी और सादगी भरा जीवन
शंभु चरण गोडसोरा ने अपना पहला कार्यकाल पूरा किया, लेकिन दूसरी बार चुनाव नहीं लड़ा। वे जमशेदपुर लौट गए और टाटा कंपनी में अपनी नौकरी पूरी की। नौकरी के बाद उन्होंने अपने पैतृक गांव में खेती कर सादगीपूर्ण जीवन जिया।
शंभु चरण गोडसोरा ने अपनी जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी से निभाया। उनकी कहानी यह दर्शाती है कि सादगी और ईमानदारी के साथ समाज सेवा कैसे की जा सकती है।
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बर्मामाइंस मंडल में भाजपा ने चलाया सदस्यता अभियान, विधायक पूर्णिमा साहू ने दिलाई सैकड़ों लोगों को भाजपा की सदस्यता, लोगों से भाजपा से जुड़ने का किया आह्वान।

जमशेदपुर। भारतीय जनता पार्टी बर्मामाइंस मंडल में सदस्यता अभियान का आयोजन भव्य रूप से किया गया। सदस्यता अभियान मंडल अध्यक्ष सूरज कुमार सिंह के नेतृत्व में महानंद बस्ती में आयोजित किया गया, जिसमें पूर्वी विधानसभा की विधायक पूर्णिमा साहू मुख्यरूप से शामिल हुई। इस दौरान सैकड़ों महिलाओं और पुरुषों ने 8800002024 नंबर पर मिस्ड कॉल देकर भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की। सदस्यता अभियान के दौरान विधायक पूर्णिमा साहू ने मंडल के कार्यकर्ताओं संग स्थानीय निवासियों से घर-घर संपर्क कर भाजपा की नीतियों और विचारधारा से उन्हें अवगत कराया और भाजपा की सदस्यता के लिए प्रेरित किया। अभियान में विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं में जबरदस्त उत्साह देखा गया।
अभियान के दौरान विधायक पूर्णिमा साहू ने कहा कि भाजपा केवल एक पार्टी नहीं, बल्कि एक विचारधारा है, जो समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने और राष्ट्र प्रथम की भावना को बढ़ावा देने के लिए काम करती है। सदस्यता अभियान का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को राष्ट्रसेवा के मिशन से जोड़ना है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया की कि वे भाजपा से जुड़कर राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें और देश निर्माण में साथ आएं।
कार्यक्रम में बर्मामाइंस मंडल के प्रमुख कार्यकर्ताओं ने अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई। इस अवसर पर राकेश सिंह, चंदन उपाध्याय, मनोज श्रीवास्तव, चिंटू सिंह, रितेश झा, राकेश चौधरी, श्रीमती कैलाशपति मिश्र, पदमा, सौरभ श्रीवास्तव, राम मूर्ति, राकेश रंजन, रंजन मिश्र, देवानंद सिंह सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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