जमशेदपूर | झारखण्ड
दिनांक 26 अक्टूबर को पूर्वी जमशेदपुर के विधायक सरयू राय की झारखंड सरकार के अपर मुख्य सचिव ऊर्जा विभाग के साथ 11 बजे उनके कार्यालय में बैठक होगी. जमशेदपुर के केबुल टाऊन क्षेत्रों सभी घरों में टाटा स्टील युआईएसएल की अलग अलग बिजली देना बैठक का महत्वपूर्ण विषय है. इसके साथ ही जमशेदपुर की सभी बस्तियों में टाटा स्टील की बिजली देने की प्रक्रिया में तेज़ी लाना तथा कतिपय नीतिगत तकनीकी बाधाओं को दूर करने पर भी बैठक में बात होगी.
उल्लेखनीय है कि केबुल क्षेत्रों टाटा स्टील 9 बिन्दुओं पर एकमुश्त बिजली देता है और इन केन्द्रों के संचालक वहाँ से घरों में बिजली देते हैं जिससे उपभोक्ताओं को महँगा बिजली , क़रीब ₹7 प्रति यूनिट की दर से, का भुगतान करना पड़ रहा है जो सरासर अन्याय है और जनविरोधी है. श्री सरयू राय विगत तीन वर्षों से माँग कर रहे हो हैं कि कंपनी उपभोक्ताओं के घरों में सीधे बिजली दे. पर कंपनी इसके लिए दिवालिया केबुल कंपनी के रिज़ोल्यूशन प्रोफेशनल से एनओसी यानी अनापत्ति चाहती है. जबकि श्री राय इसे अनावश्यक और कंपनी का विलंब करने वाला कदम मानते हैं. उनका कहना है कि कंपनी आर पी से आपत्ति माँगे कि उपभोक्ताओं के घर घर बिजली देने में उसे कोई आपत्ति हो तो बताए और इसके एक समय सीमा बाद बिजली देना शुरू कर दे.
श्री राय का कहना है कि जब कंपनी घर घर पानी दे रही है तो बिजली क्यों नहीं दे सकती ?
केबुल कंपनी की ज़मीन का लीज 2019 में समाप्त हो चुका है. ज़मीन अब सरकार की है. फिर आर पी से एनओसी क्यों? यदि घर घर बिजली देने मे बिलंब होगा तो वे कंपनी और सरकार के विरूद्ध सीधी कारवाई पर उतरने के लिए विवश होगे.
इसी प्रकार कंपनी ने जमशेदपुर की सभी बस्तियों में बिजली देना स्वीकार कर लिया है. पर रफ़्तार काफ़ी धीमा है. इसमें तेज़ी लाई जाए.