Jamshedpur : सोमवार 07 फरवरी, 2022
पेशे से आर्ट टीचर और डिजिटली पोट्रेट बनाने वाले आर्टिस्ट अवि विनय ने भारत रत्न और स्वर कोकिला सुश्री लता मंगेशकर जी के निधन पर डिजिटल पेंटिंग के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
यह पेंटिंग स्वर कोकिला लता जी की याद में बनाते हुए उन्होंने कहा – ‘हमने एक नगीना खो दिया। एक ऐसा रत्न जो फिर कभी भारत के ताज में सजेगा नहीं। ये अनमोल हैं। आपके चरणों में नमन हैं।’
बता दें कि जमशेदपुर के एक छोटे से क्षेत्र मानगो, जवाहरनगर में जन्में अवि विनय का स्ट्रीट पेंटर से आर्टिस्ट बनने का सफर आसान नहीं था। जिंदगी में कई ऐसे मोड़ आये जिससे उनकी जिंदगी ने करवट ली। कई मुश्किलें आई लेकिन बिना डिगे अपने लक्ष्य पर डटे रहे। विद्यार्थी जीवन में ही इनके माता-पिता का देहांत हो गया। छोटे भाई और छोटी बहन की जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए इन्होंने बड़े शहर का रुख किया।
पहुंच गए दिल्ली। मंजिलों की उड़ान आसान नहीं थी। दिल्ली में किसी परिचय वाले के यहां कुछ दिन रहने के बाद गुड़गांव चले गए। छोटे-मोटे काम करते हुए दिन काटने लगे। पेट भरने के लिए दीवारों पर कॉमर्शियल पेंटिंगें बनाई। कई बड़े आर्टिस्ट के यहां नौकरी भी की लेकिन मंजिल अभी भी बाकी थी। ख्वाब था एक बड़ा आर्टिस्ट बनने का। घर की जिम्मेदारी और अपनी पहचान बनाना बहुत मुश्किल था। रास्ता आसान भी नहीं था। एक तरफ पेट भरने की चिंता एक तरफ ख्वाब। उन्होंने एक दिन में 2 नौकरी की। 16 से 18 घण्टे बीत जाने पर शरीर साथ नहीं देता था। लेकिन जुनून था कुछ अच्छा करने की।
समय बदला और एक दिन इन्हें नौकरी मिली गुड़गांव के किसी इंटरनेशनल स्कूल में। जहां आज ये एक आर्ट टीचर के रूप में कार्यरत हैं। और सभी बच्चों को पेंटिंग सिखाते हैं। साथ ही डिजिटल पोर्ट्रेट पेंटिंग बनाने में माहिर हैं। सोशल मीडिया में सक्रिय रहने वाले अवि विनय सर को भला कौन नहीं जानता। शर्मीले स्वभाव के अवि सर अपने वाकपटुता और कला के लिए जाने जाते हैं। सोशल मीडिया पर इनके कई फॉलोवर्स भी हैं जो इनसे प्रेरणा लेते हैं। वहीं अवि सर का यू ट्यूब अकाउंट भी है जहां ये अपने कला का प्रदर्शन करते हैं।
नीचे दिए लिंक पर जाकर आप उनकी कला प्रदर्शन को देख सकते हैं-