छात्राओं एवं महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार के खिलाफ राज्य स्तरीय प्रतिवाद दिवस : AIDSO

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Adityapur : बुधवार 31 अगस्त, 2022  

ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन (AIDSO) के राज्य कमिटी के आह्वान पर व ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक युथ ऑर्गेनाइजेशन (AIDYO) और ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन (AIMSS) के संयुक्त तत्वाधान में सरायकेला-खरसावां के आदित्यपुर स्थित आकाशवाणी चौक में दुमका की अंकिता सिंह के हत्यारे एवं दिन प्रतिदिन छात्राओं एवं महिलाओं पर बढ़ते अपराध के दोषियों को उदाहरणमूलक सजा देने की मांग पर प्रतिवाद दिवस मनाया गया जिसमें आकशवाणी चौक से शेर पंजाब चौक तक आक्रोश मार्च निकाला गया और आकाशवाणी चौक में एक नुक्कड़ सभा की गई।

नुक्कड़ सभा में AIDSO की ओर से अमन सिंह ने वक्तव्य रखते हुए कहा कि दुमका में पेट्रोल छिड़ककर युवती को जला दी गई। जिंदगी के जंग लड़ते लड़ते 28 अगस्त को अंकिता दम तोड़ दी। अंकिता सिंह के हत्यारे को अविलंब फांसी की सजा देनी चाहिए तथा गुमला की बेटी सुनीता खाखा को रांची में 8 साल से रिटायर्ड IAS की पत्नी सीमा पात्रा के द्वारा शारीरिक शोषण, मानसिक प्रताड़ित किया गया, सुनीता खाखा हॉस्पिटल में एडमिट है। जिंदगी और मौत से लड़ रही हैं । इस तरह की जघन्यतम घटना की जितनी भी निंदा की जाय वह कम है। इसतरह की घटना के दोषी अपराधी को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कर कठोर से कठोर सज़ा देनी होगी। पुलिस प्रशासन ने जिस प्रकार से पूरे मामले में आपराधिक लापरवाही बरती है, इसकी अविलंब जांच करके दोषी पुलिस अधिकारियों पर कठोर कार्यवाई की जाय।

ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन (AIMSS) की ओर से राज्य उपाध्यक्ष सह पार्षद (वार्ड 32) श्रीमती मालती देवी ने कहा  कि हमें इस तरह की जघन्य घटनाओं की तह तक भी पहुंचना चाहिए। जिस प्रकार से इस पूंजीवादी समाज में भोगवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है, समाज में नीतिहीनता, नशाखोरी, अश्लीलता, मोबाइल पोर्नोग्राफी, खुदगर्जी बढ़ रही है। नारी भोग्य वस्तु में तब्दील होती जा रही है, उसका विषैला प्रभाव युवावर्ग पर पड़ रहा है। सरकार और पूरा तंत्र इस संस्कृति को रोकना तो दूर की बात, इसे बढ़ावा दे रही है। वर्तमान घटना इसी का नतीजा है। परंतु आश्चर्यजनक रूप से इसे सांप्रदायिक रंग में रंगकर एक उन्माद खड़ा करने की कोशिश की जा रही है जिसे अविलंब रोकने की आवश्यकता है। राज्य और देश के तमाम जनवाद पसंद और शुभ सोच रखने वाले लोगों को इस सामाजिक संकट के समाधान के लिए एकजुट होकर पहल करनी होगी। ना केवल दुमका बल्कि चतरा गुमला चाईबासा या अन्य किसी भी स्थल में इस प्रकार की घटनाओं का पुरजोर प्रतिकार होना चाहिए। इस प्रकार की घटनाओं के लिए एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद करने की जरूरत है। 

कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से मौसूमी मित्रा, सुशांत सरकार,अंजना भारती, विशाल कुमार, गौतम महतो, रूपा सरकार, लकी कांत पातर, सुनयना देवी, सावित्री गिरी, बिपा मुंडरी, संदीप, संतोष प्रसाद, स्वाति कुमार, शिवेंद्र शास्त्री, अवधेश सिंह, पूर्णिमा, पायल, निशा, मुस्कान, अंबिका, अनामिका, पालकी, नंदिनी दास, नारायण गिरी, दीपक कुमार और विष्णु देव गिरी के अलावा भारी संख्या में छात्र, नौजवान तथा महिलाएं उपस्थित थे। 

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