जमशेदपुर | झारखण्ड
जमशेदपुर, इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जयपुर, राजस्थान से आये छंदाचार्य गोप कुमार मिश्र ने की। मुख्य अतिथि के रूप में छंदज्ञ दिनेश रविकर राँची से पधारे, वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रसेनजीत तिवारी (तुलसी भवन के मानद सचिव) तथा रामनंदन प्रसाद (उपाध्यक्ष तुलसी भवन) उपस्थित थें। इस कार्यक्रम में शहर के प्रसिद्ध समाजसेवी एवं साहित्य प्रेमी गोविंद दोदराजका जी को छंदमाल्य सम्मान-२०२३ से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संयोजन प्रतिभा प्रसाद ‘कुमकुम’ एवं डॉ संध्या सिन्हा ने संयुक्त रूप से किया। संचालन की ज़िम्मेदारी सभी ग्यारह छंदसाधकों ने मिलकर निभायी।
कार्यक्रम का उद्घाटन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं साधकों द्वारा सरस्वती वंदना के साथ किया गया। छंदों का यह अद्भुत कार्यक्रम कुछ इस तरह से नियोजित किया गया था कि जिसमें किसी भी वाक्य को गद्य में उच्चारित नहीं किया गया, अतिथियों का स्वागत, मंच पर आमंत्रण, आभार, संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन तक के कार्यों को केवल छंदों में ही किया गया। यहां तक की समीक्षात्मक टिप्पणियां भी छंदों में की गई।
वर्तमान में जहाँ छंदों का स्थान फूहड़ता युक्त कविताओं और चुटकुलों ने ले लिया है, वहीं शहर की छंदज्ञ प्रतिभा प्रसाद ‘कुमकुम’ ने शहर के प्रतिभाशाली कवियों को छंदज्ञान से अवगत कराने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने बताया कि आज जमशेदपुर के अधिकांश कवि व कवियित्री छंद की जानकारी रखते हैं, और मंचों पर छंद की प्रस्तुति देने में सक्षम लगने लगे हैं।
इस कार्यक्रम की चिंतक व संयोजिका प्रतिभा प्रसाद ‘कुमकुम’ ने आगे बताया कि “उनकी इस अनोखे छंद आधारित कार्यक्रम की परिकल्पन को साकार करने का बीड़ा नगर एवं राज्य के कुशल छंदसाधकों ने भलि भाँती उठाया। छंदमाल्य कवि मंडपम् की यह तीसरी प्रस्तुति थी। इससे पहले छंदमाल्य -1 का आयोजन दिनांक 11.09.2022 को सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन तुलसी भवन, बिष्टुपुर, जमशेदपुर में सफलता के साथ आयोजित किया गया एवं छंदमाल्य-2 का आयोजन 23.04.2023 को छत्तीसगढ़ में ‘कला कौशल साहित्य संगम’ ने किया था।