चौथे दिन हड़ताल पर बैठी सहियाओं ने बताया अपना दर्द - हम गरीबों की कोई नहीं सुनेगा अब ? चौथे दिन भी न मंत्री जी आये ना ही कोई नेता हमारा हाल ही जानने आया।