गोलियों से बुरी तरह घायल मोहमद शब्बीर का कोलकाता हॉस्पिटल में इलाज के दौरान हुई मृत्यु।

THE NEWS FRAME

Jamshedpur : रविवार 15 जनवरी, 2023 

गोलियों से बुरी तरह घायल मोहमद शब्बीर का कोलकाता हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गयी है। वर्चस्व की लड़ाई में मोहम्मद शब्बीर की जान चली गई। 

पूरी घटना विस्तार से समझते हैं

मानगो अज़ादनार में हुई यह वारदात वर्चस्व को लेकर हुई। मिली जानकारी के अनुसार इस घटना को अंजाम छोटू बच्चा और अन्य ने दिया। घटना अज़ादनार ओल्ड पुरुलिया रोड नंबर 10  स्थित टेलर दुकान के सामने का था। मोहम्मद शब्बीर कांग्रेस से जुड़ा हुआ था और वह ज़मीन की खरीद बिक्री का काम करता था।  इसी ज़मीन की खरीद बिक्री की वजह से उसका कुछ लोगो से विवाद हुआ था। कांग्रेस नेता बबलू नौशाद का भी नाम मोहम्मद शब्बीर के घर वालो ने आजादनगर थाना को दिए FIR में लिखा है। शब्बीर के घर वालो ने बताया कि शुक्रवार की सुबह में कुछ लोगो से कहा सुनी हो गयी थी। उन लोगों ने शब्बीर को  देख लेने की बात कहि थी। उसी रात करीब 9 बजे कुछ लोगो ने रस्ते में शब्बीर को घेर कर 4 राउंड गोली चलाई, जिसमें 1 मिस हो गया और बाकी 3 गोली बांह-पेट व पैर में लगी। घटना के बाद बदमाश पिस्तौल लहराते हुए भाग निकले थे। 

स्थानीय लोगों की मदद से उसे एमजीएम अस्पताल लाया गया जहां से उसे टीएमएच रेफर कर दिया गया था। उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी। सिटी एसपी टाटा मुख्य अस्पताल पहुंच कर मामले की जानकारी लिए थे।  

बता दें की इस मामले में कांग्रेस के नेता बबलू नौशाद के अलावा छोटू बच्चा, गुलरेज, शादाब, शाहनवाज,  खट्टा सोनू, रिंकू, दानिश, राजा बाजा वाला और हाजी सद्दाम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी। इसके अलावा, चार अज्ञात के खिलाफ भी प्राथमिकी हुई है।

बता दें की पुलिस ने घटनास्थल से तीन खोखा बरामद किया था।  फायरिंग में अपराधी छोटू बच्चा की संलिप्तता सामने आ रही है। संभवत मामला रंगदारी से जुड़ा हुआ हो सकता है। छोटू बच्चा के गिरोह में कई युवक शामिल है। सब्बीर आलम का छोटू बच्चा के साथ विवाद चल रहा था। आजादनगर थाना क्षेत्र में जमीन की खरीद-बिक्री को लेकर लंबे समय से अपराध हो रहा है। एक बार फिर अज़ादनार में ज़मीन की खरीद बिक्री साफ़ शब्दों में कहे तो ज़मीन की दलाली में किसका दबदबा कायम होगा, इस विवाद ने एक और चलते-फिरते इंसान को लाश में तब्दील कर दिया। एक  परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया। न जाने इस जमीन की दलाली में और कितने हसतें खेलते परिवारों की खुशियों को मातम में बदल देगा।

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