चक्रधरपुर (जय कुमार): मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र के गोइलकेरा प्रखंड के कायदा में कोल गुरु लाको बोदरा की 105वीं जयंती मनाई गई। मुख्य अतिथि जदयू के जिला अध्यक्ष बिश्राम मुंडा और विशिष्ट अतिथि समाजसेवी मनोज कोड़ा और सोमा राम मुंडा थे। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि ने कोल गुरु लाको बोदरा की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जदयू के जिला अध्यक्ष बिश्राम मुंडा ने कहा कि कोल गुरु लाको बोदरा हो भाषा और वृंगाक्षिति लिपि के जनक थे।
इन्हीं की बदौलत आज आदिवासियों के पास भाषा और लिपि है। उन्होंने कहा कि लोगों की पहचान उनकी भाषा और संस्कृति से होती है। हमें अपनी भाषा और संस्कृति को बचाए रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अपनी भाषा को जीवित रखने के लिए हमें स्थानीय भाषा में ही बोलना और सारे कार्यक्रम करने होंगे। आदिवासियों की हो भाषा को सरकारी मान्यता मिलनी चाहिए। इसके लिए हम सभी को प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की पहचान उसकी भाषा और संस्कृति से होती है।
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उन्होंने कहा कि आदिवासी बहुल गांव के विद्यालयों में हो भाषा की पढ़ाई होनी चाहिए। ताकि हमारी भाषा को संरक्षित रखा जा सके। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को अपनी भाषा पर गर्व होना चाहिए। जिसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें समाज के कलाकारों और छात्र-छात्राओं द्वारा हो भाषा पर समूह नृत्य, एकल गान, समूह गान प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ने आदिवासी समाज के कलाकारों और गणमान्य लोगों को सम्मानित कर स्वागत किया।
यह कार्यक्रम देर शाम तक चलता रहा। कार्यक्रम में आदिवासी समाज के तमाम लोग मौजूद थे। मुख्य रूप से शनि लुगुन, महेंद्र जामुदा, रानी बंदेया, रीना गोडेसोरा, मुखिया गणेश बोदरा, सुखदेव लकड़ा, शशिल मांझी, रमेश लुगुन, बासुदेव लकड़ा, जिला परिषद सदस्य शिव रतन नायक, सोमा राम मुंडा, शंकर अंगरिया, बिवल मुंडा, नितिन मुकेश जामुदा, शिबलन डांगा, राम चंद्र चेरोवा, बामेया सुरीन, प्रेम चेरोवा, आकाश बोदरा आदि मौजूद थे।