वर्ष 2021 का आरम्भ कोरोना की दूसरी लहर लेकर आया। जिसमे सारा विश्व लपेटे में आ गया। वहीं अब कोरोना की तीसरी लहर अगस्त में आने की खबर जोरों पर है। इसे क्या माना जाए?
WHO ने B.1.617.2 स्ट्रेन को SARS-CoV-2 के ‘डेल्टा’ वेरिएंट के रूप में टैग किया है। साल 2021 के आरंभ में देश के कई हिस्सों को तबाह करने वाले कोविड -19 संक्रमण की दूसरी लहर के ड्राइवरों में से इसे ‘डेल्टा’ वैरिएंट के रूप में पहचान की गई थी।
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने कोविड 19 के नए वेरिएंट पर अपनी नवीनतम रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट की पहचान भारत के छह जीनोम में 7 जून तक की गई थी। स्वास्थ्य एजेंसी ने नए K417N के साथ डेल्टा वेरिएंट के कुल 63 जीनोम की उपस्थिति की पुष्टि की है।
वहीं वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि चिंता करने को कोई आवश्यकता फिलहाल नहीं है क्योंकि भारत में डेल्टा प्लस वेरिएंट की फ़्रीक्वेंसी भारत में ज़्यादा नहीं है।
दिल्ली स्थित CSIR- इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB) के एक वैज्ञानिक, विनोद स्कारिया ने रविवार को एक ट्वीट में कहा, “उभरते वेरिएंट में से एक B.1.617.2.1 है जिसे AY.1 के रूप में भी जाना जाता है, जिसके अधिग्रहण की विशेषता है। K417N उत्परिवर्तन।”
स्कारिया ने आगे कहा कि डेल्टा प्लस वैरिएंट का गठन SARS-COV-2 के स्पाइक प्रोटीन में उत्परिवर्तन का परिणाम था। यह वही स्पाइक प्रोटीन है जो वायरस को मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने और संक्रमित करने में सक्षम बनाता है।
As delta continues to evolve acquiring new mutations, there is a lot if interest in understanding these mutations. This tweetorial summarizes the emerging lineages of delta, otherwise named delta+
Data and analysis : @bani_jolly and @mercy_rophina pic.twitter.com/SOEXgkZqnH
— Vinod Scaria (@vinodscaria) June 13, 2021
A number of genomes are now available for the lineage AY.1 / B.1.617.2.1 from across the world. The sequences are mostly from Europe, Asia and America. The travel histories are not readily available to make assumptions. pic.twitter.com/CfoOTMNbnG
— Vinod Scaria (@vinodscaria) June 13, 2021
A dedicated nextstrain build for K417N is also now available .@firefoxx66 https://t.co/E0qbPrNlwE
— Vinod Scaria (@vinodscaria) June 13, 2021
इम्यूनोलॉजिस्ट विनीता बल ने कहा कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल के लिए डेल्टा प्लस वैरिएंट का प्रतिरोध उच्च विषाणु या गंभीरता का संकेत नहीं है। आपको बता दें कि विनीता बल पुणे के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च में गेस्ट फैकल्टी हैं।
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