New Delhi : शुक्रवार 6 अगस्त, 2021
जनऔषधि केंद्रों में बाहर बिकने वाली लगभग समस्त दवाओं के मूलरूप बहुत ही कम कीमतों में उपलब्ध है। जहां आपको लगभग 90% से कम बाजार मूल्य के उपयुक्त दवाएं मिल जाएंगी। लेकिन इन केंद्रों की कमी है और सबसे मजे की बात यह है कि इनसे किसी को कोई कमीशन न मिलने की वजह से इनका मार्किट वैल्यू शून्य कर दिया गया है। बहुत से लोग जनऔषधि के बारे में जानते ही नहीं हैं। और जो डॉक्टर या मेडिकल वाले जानते हैं वो इसे प्रिस्क्रिप्शन में बताते ही नहीं है, इसका बस एक ही कारण है – मोटा कमीशन का न होना।
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत, केंद्र सरकार ने अब तक देश के सभी जिलों को कवर करते हुए कुल 8,012 प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (पीएमबीजेके) खोले हैं। साथ ही आने वाले मार्च, 2025 तक लगभग पूरे देश में 10,500 जनऔषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकारों / संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों से समय-समय पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी)/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी)/अस्पतालों सहित सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों के परिसरों में जनऔषधि केंद्र खोलने की सुविधा प्रदान करने का अनुरोध किया गया है।
जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने जन औषधि केंद्रों के कार्य को बंद कर दिया था। लेकिन इस योजना को पुनः जारी रखने पर विचार किया गया है और इसके लिए सबसे पहले किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से इसका मूल्यांकन किया गया। एजेंसी द्वारा की गई सिफारिशों पर विधिवत विचार किया गया और योजना को जारी रखने के लिए स्थायी वित्त समिति (एसएफसी) का अनुमोदन प्राप्त करने से पहले, जैसा उपयुक्त हो, परिवर्तन किए गए। इसके अलावा, पीएमबीजेके के प्रदर्शन / कामकाज की समय-समय पर ब्यूरो के सीईओ के स्तर के साथ-साथ योजना की कार्यान्वयन एजेंसी की कार्यकारी और शासी परिषद, जैसे कि फार्मास्युटिकल एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) द्वारा समीक्षा की जाती है।
क्या आप जानते हैं जनऔषधि दवाएं कहाँ बनती हैं और हम तक कैसे पहुंचती हैं?
बता दें कि जनऔषधि केंद्रों के लिए दवाएं विश्व स्वास्थ्य संगठन – गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (डब्ल्यूएचओ-जीएमपी) प्रमाणित सुविधाओं वाली घरेलू दवा निर्माण कंपनियों से ही खरीदी जाती हैं। इन दवाओं का परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशालाओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) द्वारा अनुमोदित प्रयोगशालाओं में किया जाता है। इसके बाद दवाओं को पीएमबीआई के गुरुग्राम, चेन्नई और गुवाहाटी के गोदामों में भेजा जाता है, जहां से इन्हें पूरे देश में विक्रेताओं को भेजा जाता है। जनऔषधि केंद्रों को दवाओं के रसद और वितरण का समर्थन करने के लिए 37 वितरकों का एक देशव्यापी नेटवर्क भी स्थापित किया गया है।
सरकार ने हाल ही में स्टोर मालिकों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को मौजूदा रुपये 2.50 लाख से बढ़ाकर 5.00 लाख कर दिया गया है। प्रमुख जिलों जैसे – हिमालयी क्षेत्र, द्वीप क्षेत्रों, उत्तर पूर्वी राज्यों और महिला उद्यमियों, दिव्यांगों, एससी और एसटी द्वारा खोले गए पीएमबीजेके में खोले गए पीएमबीजेके को फर्नीचर और फिक्स्चर की खरीद के लिए 2.00 लाख देने की इच्छा जताई है।
उक्त जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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सोर्स : PIB इंडिया से सन्दर्भित।