कोरोना से जीत की जंग में विश्व के सभी देश अपने-अपने तरीके अपना रहें है. इस जंग में वैक्सीन ही अंतिम रक्षक बन सकता है. प्रमुख दवाई बनाने वाली कंपनियां इस मिशन पर दिन-रात लगी हुई हैं और कोरोना की वैक्सीन सार्वजनिक करने को लेकर आतुर हैं .
परन्तु सबसे अहम बात तो यह है की क्या इन वैक्सीन का प्रभाव कोरोना को जड़ से ख़त्म कर पाने में सक्षम हो पायेगा ?? क्या इसके प्रयोग से कोरोना दुबारा नहीं होगा ?? क्या इन वैक्सीन के प्रयोग से शरीर का कोई अंग प्रभावित नहीं होगा ?? ऐसे ही तमाम बातें मन में उठना किसी के लिए भी स्वाभाविक ही है. जब वैक्सीन का अंतिम दौर चलेगा तब इन सभी बातों का जवाब वर्ष 2021 के अंत तक जरूर मिल जाएगा .
आगे हम बात करेंगे सीरम इंस्टिट्यूट के द्वारा बनाया गया वैक्सीन कोविशील्ड की . इस इंस्टीट्यूट के द्वारा बनाया गया कोविशील्ड को भारत में जल्द ही मंजूरी मिल सकती है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बताया गया है की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) की बैठक ने कोविशील्ड के आपात उपयोग पर सहमति प्रदान की गई. साथ ही फाइजर और भारत बायोटेक द्वारा विकसित टीको पर भी विचार किया जा रहा है. सीरम इंस्टिट्यूट ने ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी द्वारा विकसित टीके के तीनों चरणों के परीक्षण देश में किये गए हैं . अब तक के नतीजे प्रभावशाली है. भारत में पांच करोड़ खुराक तैयार किये जा चुके है और मार्च 2021 तक दस करोड़ टीके और बनाये जाने की उम्मीद है . इस वैक्सीन को ब्रिटेन में भी मंजूरी मिल चुकी है .